नरगिस और मीना कुमारी बहुत ही अच्छी सहेलियां हुआ करती थीं, लेकिन नरगिस ने मीना कुमारी की मौत पर कहा था, ‘मौत मुबारक हो, अब दुनिया में मत आना’.
नरगिस और मीना कुमारी गुजरे हुए जमाने की दो सबसे सफल अदाकाराओं में से एक रही हैं। दोनों की दोस्ती के चर्चे भी बहुत थे। इन दोनों ने ही कई फिल्मों में काम किया और दुनिया भर में अपने नाम का झंडा गाड़ दिया। जिस समय हीरो ही फिल्म इंडस्ट्री के कर्ता-धर्ता माने जाते थे, उस समय में नरगिस और मीना कुमारी ने अपना नाम और पहचान बनाई थी। जितना इनका काम फेमस था, उतना ही इनकी दोस्ती को भी लोग पसंद किया करते थे।
ये दोनों काफी करीब मानी जाती थीं और मीना कुमारी नरगिस को बाजी (बड़ी बहन) कहती थीं। पर क्या आप जानते हैं कि नरगिस और मीना कुमारी जो इतनी करीब मानी जाती थीं और लाखों लोगों के दिलों की धड़कन होती थीं, उन्होंने निजी जिंदगी में काफी कुछ सहा है।
मीना कुमारी को ट्रेजेडी क्वीन ऐसे ही नहीं कहा जाता था। माना जाता था कि मीना कुमारी अपनी जिंदगी का दर्द खुद ही पर्दे पर दिखाती थीं।
तंगहाली में बीता मीना कुमारी का बचपन-
मीना कुमारी निजी जिंदगी में काफी परेशान रहती थीं। वैसे तो मीना कुमारी का संबंध रवींद्रनाथ टैगोर के घराने से था क्योंकि उनकी नानी रवींद्रनाथ टैगोर के छोटे भाई की बेटी थीं जिन्होंने एक ईसाई से शादी की थी। इसके बाद मीना कुमारी की मां प्रभावती देवी भी एक थिएटर आर्टिस्ट थीं जिन्होंने एक्टर अली बक्श से शादी की थी। वो पारसी रंगमंच के कलाकार थे।
टैलेंट होने के बाद भी मीना के जन्म से पहले उनका परिवार काफी तंगहाली में जीता था और माना जाता है कि जब मीना पैदा हुईं तो एक बार उनके पिता ने उन्हें अनाथ आश्रम में देने की बात भी सोची थी क्योंकि वो बच्ची का पालन पोषण नहीं कर पा रहे थे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं और इस घटना का कोई जिक्र आधिकारिक तौर पर भी नहीं हुआ
तंगहाली के कारण मीना ने बतौर चाइल्ड एक्टर ही काम शुरू कर दिया था। पिता से भी उनके रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं थे।
निजी जिंदगी में काफी परेशान रहीं मीना कुमारी-
मीना कुमारी अपने पति कमाल अमरोही के साथ खुश नहीं थीं और इसे लेकर कई रिपोर्ट्स मौजूद हैं। कमाल अमरोही हमेशा मीना कुमारी पर हाथ उठाते थे और उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे।
इस कारण मीना कुमारी को शराब पीने की गंदी लत लग गई थी और उस लत के कारण मीना को लिवर की समस्या हुई और वो इस दुनिया से अलविदा कह गईं।
मीना कुमारी की मौत के बाद नरगिस ने उन्हें एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘इस दुनिया में दोबारा मत आना।’
आखिर क्यों नरगिस ने लिखा था, ‘मौत मुबारक हो…’
नरगिस दत्त ने 1972 में एक खत लिखा था जिसे उर्दू मैग्जीन ने छापा था। इसका ट्रांसलेशन लेखक यासिर अब्बासी ने किया था और इसी लेख का ये हिस्सा है।
इसमें लिखा था, ‘शादी की मुबारकबाद, दिवाली और ईद की मुबारकबाद तो कई देते हैं, लेकिन आज मैं तुम्हें तुम्हारी मौत की मुबारकबाद दे रही हूं। मीना आज तुम्हारी बाजी तुम्हें मौत पर मुबारकबाद दे रही है और कहती है कि इस दुनिया में दोबारा ना आना, क्योंकि ये दुनिया तुम्हारे जैसे लोगों के लिए नहीं है।’
मीना और नरगिस का रिश्ता इतना गहरा था कि मद्रास (अब चेन्नई) में फिल्म ‘मैं चुप रहूंगी’ की शूटिंग के दौरान जब सुनिल दत्त ने नरगिस को डिनर पर ले जाना चाहा तो मीना ने ही नरगिस के बच्चों का ख्याल रखा था। इस दौरान नरगिस की बेटी नम्रता सिर्फ दो महीने की थी।
एक बार का किस्सा बताते हुए नरगिस ने लिखा कि, ‘एक रात मैंने मीना को गार्डन में हांफते हुए देखा। मैंने कहा आराम कर लो तो उसने कहा आराम मेरी किस्मत में नहीं है। उस रात उनके कमरे से लड़ाई झगड़े की आवाज़ें आ रही थीं।’
इसके कुछ समय बाद नरगिस को पता चला कि मीना कुमारी ने कमाल अमरोही का घर छोड़ दिया। मीना कुमारी अस्पताल में भर्ती थीं और नरगिस उन्हें देखने गई थीं, तब नरगिस को मीना कुमारी ने बताया था कि कमाल अमरोही के सचिव ने भी मीना कुमारी पर हाथ उठाया और कमाल अमरोही ने कुछ नहीं किया। नरगिस के लेख में लिखा था कि, ‘मीना ने कहा कि कमाल साहब के सचिव ने भी हाथ उठाया और शिकायत करने पर भी कमाल साहब ने कुछ नहीं किया। इसलिए मैंने तय कर लिया कि मैं वापस नहीं जाऊंगी।’