क्रिकेट अब पूरी तरह बदल चुका है, गेंद और बल्ले के हुनर के अलावा खिलाड़ियों की फिटनेस भी काफी अहम है. इसी कड़ी में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सख्त फैसला लिया है और अब प्लेयर्स को यो-यो टेस्ट देना होगा. श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सभी क्रिकेटर्स के लिए नए साल से फिटनेस के नए पैमाने तय कर दिए हैं.
खास बात ये है कि गाइडलाइन्स के अनुसार अगर खिलाड़ी फिट नहीं पाए जाते हैं, तो उनकी सैलरी भी काटी जा सकती है. गाइडलाइन्स में कहा गयाहै कि अगर कोई खिलाड़ी 8.35 मिनट से 8.55 मिनट में 2 किमी. दौड़ता है, तो कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार जो उसकी सैलरी तय की गई है उसमें कटौती की जा सकती है.
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के यो-यो टेस्ट में 2 किमी. की रेस को पैमाना बनाया गया है. इसमें अगर कोई 8.55 मिनट से अधिक वक्त लेता है, तो उसका टीम में सेलेक्शन नहीं होगा. 8.35 से 8.55 मिनट पर सैलरी काटी जाएगी, हालांकि ये प्लेयर टीम में सेलेक्ट हो सकते हैं.
वहीं, अगर कोई खिलाड़ी 2 किमी. के लिए 8.10 मिनट से कम लेता है, तो उसका सेलेक्शन हो सकेगा. यही टीम में सेलेक्ट होने का नया पैमाना होगा. पहला फिटनेस टेस्ट 7 जनवरी को होगा, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी खिलाड़ियों को हिस्सा लेना होगा. इसके अलावा महीने में कभी भी रैंडम टेस्टिंग की जा सकती है.
आपको बता दें कि हाल ही में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने लीजेंड महेला जयवर्धने को टीम का सलाहकार नियुक्त किया है. आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए कोच की भूमिका निभाने वाले महेला जयवर्धने अब अपने देश की टीम में बदलाव लाने में जुटे हैं.
अगर भारतीय टीम की बात करें तो यहां भी यो-यो टेस्ट का चलन काफी पहले आ चुका है, जब महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे. विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया की फिटनेस, फील्डिंग काफी बेहतर हो गए हैं. विराट कोहली के अलावा रवींद्र जडेजा, श्रेयस अय्यर समेत कई प्लेयर्स फिटनेस के मामले में काफी आगे हैं.