महाराष्ट्र में एक कपल 12 साल तक कोर्ट में तलाक के लिए लड़ाई लड़ता रहा। पति-पत्नी की तरफ से सालों तक खूब दलीलें रखी गईं, वकीलों ने लंबी-लंबी जिरह की। आखिरकार 12 साल बाद पति, पत्नी को लेकर अपने घर चला गया।
घटना महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई की है। एक दशक से चली आ रही लड़ाई का तब सुखद अंत हुआ, जब कोर्ट के आदेश के बाद पति ने 12 साल की लंबी ‘कैद’ के बाद पत्नी को एक मानसिक अस्पताल से निकालकर वापस अपने घर लेकर चला गया।
टीओआई के अनुसार बांद्रा की फैमिली कोर्ट ने दिसंबर में यह भी नोट किया कि अस्पताल से महिला को सात साल पहले छुट्टी मिल गई थी, लेकिन उसे उसका पति घर ले जाने के लिए तैयार नहीं था, इसलिए उसे वहीं रहना पड़ा। इस दौरान महिला को काफी संघर्ष भी करना पड़ा।
इस मामले में दंपति की शादी 1993 में हुई थी। पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पति के आवेदन पर, 2009 में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने एक ‘रिसेप्शन ऑर्डर’ पारित किया, जिसके आधार पर उसे मानसिक अस्पताल भेज दिया गया। 2012 में, उसके पति ने “क्रूरता और मन की अस्वस्थता” के आधार पर तलाक के लिए अर्जी दी। न्यायाधीश चौहान ने अक्टूबर 2021 में पहली बार मामले की सुनवाई की।
अदालत ने कहा कि 2014 में चिकित्सा अधीक्षक ने अधिनियम के अनुपालन में महिला के स्वस्थ होने पर उसे छुट्टी देने का आदेश दिया था। पत्नी और एक नर्स को घर भेज दिया गया, लेकिन पति ने “ससुराल में रखने से इनकार कर दिया” और उसे फिर से मानसिक अस्पताल में रखा गया।
अदालत ने कहा- “यह एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे एक रिसेप्शन आदेश का दुरुपयोग किया गया था, जो सचमुच वैवाहिक घर से पत्नी को बाहर निकालने के लिए किया गया था और उसके बाद उसके पुन: प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया।”
पति ने शुरू में कहा कि वह उसे एक आश्रय गृह में रखेगा और सारा खर्च वहन करेगा। लेकिन 27 नवंबर को जब अदालत ने उसे तत्काल बरी करने का निर्देश दिया तो उसने कहा कि वह उसे घर ले जाएग। इस तरह से पत्नी 12 साल बाद वापस अपने पति के साथ ससुराल पहुंचा।