रोचक जानकारी : क्या कहता है विज्ञान क्या हो अगर दुनिया भर से खत्म हो जाएं मच्छर…विस्तार से जानिए

होली का त्यौहार खत्म होने के बाद गर्मी का मौसम आने लगा है. इस बीच देश में मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियांल फैलने लगी हैं. डेंगू चिगनगुनिया, मलेरिया आदि के मरीज अस्पतालों में बढ़ने लगे हैं. दुनिया में बहुत से लोग मच्छरों  के काटने से ही बहुत परेशान हो जाते हैं जिसकी वजह से उन्हें कम से कम खुजली जैसी समस्या होती है, लेकिन मच्छरों से डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियां कई बार जानलेना तक साबित हो जाती है ऐसे में बच्चों का सा सवाल बड़ों के मन भी कौंध जाता है कि क्या होगा अगर दुनिया से मच्छर ही खत्म हो जाए. आइए जानते हैं कि मामले में विज्ञान क्या कहता है.



मच्छरों की वजह से दुनिया के सबसे ज्यादा मौतें
मच्छरों से परेशान आम लोग भले ही उनसे दूर रहना चाहें वैज्ञानिक अध्यययन के लिए उन्हें पालते तक हैं जिससे वे उन पर शोध कर सकें. कई लोगों को यह जानकर हैरानी हो सकती है दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें मच्छरों की वजह से होती हैं. मच्छरों की ताकत बताने के लिए लोग सिकंदर की मौत की मिसाल देते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह मच्छर से मरा था.

क्या होते हैं मच्छर

मच्छर कीट समूह के जीव होते हैं  वे मक्खियों की तरह उड़ने वाले जीव होते हैं जिनमें व्यस्क शिशु मच्छर, जिन्हें लार्वा कहते हैं, से पूरी तरह से अलग दिखाई देते हैं. व्यस्क मच्छरों के दो पंख  होते हैं ना कि मधुमक्खियों की तरह चार पंख. काटने वाले मच्छरों की कई प्रजातियां होती हैं सभी अपने अंडे देने के लिए जानवरों और इंसानों को काटकर उनका खून चूसते हैं.

केवल मादा मच्छर ही काटती है

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जिन्हें हम मच्छर कहते हैं वास्तव में वे 3500 अलग प्रकर के कीड़े होते हैं और सभी अलग अलग बर्ताव करते हैं. अधिकांश मच्छर रात में सक्रिय होते हैं तो कई दिन में भी सक्रिय होते हैं. यह भी सभी लोगों को पता नहीं रहता कि केवल मादा मच्छर ही काटती हैं. क्यों कि उन्हें अंडे देने के लिए खून् की जरूरत होती है. वहीं नर मच्छर पौधों में बनने वाला रस पीते हैं.

कैसे फैलती हैं बीमारियां

जब कोई मादा मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटकर उसका खून चूसती है और फिर दूसरे व्यक्ति को काटती है तभी दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है. ऐसे ही बीमारियां फैलती हैं. सभी मच्छरों में से केवल 40 प्रकार की मादाएं ही खतरनाक होती हैं क्योंकि ये ही बीमारियों को इंसानों में फैलाने का काम करती हैं.

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मच्छरों का आतंक

दुनिया में कम मच्छर खतरनाक होने के बाद भी ये मच्छर मलेरिया और अन्य घातक बीमारियां फैलाते हैं. दुनिया खास तौर पर अफ्रिका, एशिया दक्षिण और अमेरिका के कई देश मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों से हजारों लाखों लोग पीड़ित होते हैं और जिनमें अधिकांश पांच साल से छोटे बच्चे शामिल हैं. ऐसे में सवाल पूछा जाता है कि क्या अगर मलेरिया फैलाने वाले खत्म हो जाएं तो क्या दुनिया ज्यादा सेहतमंद नहीं हो जाएगी.

लेकिन गैरजरूरी नहीं हैं मच्छर

यह सुनने में अच्छा लगता है कि मच्छर गायब होने से ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी. ऐसे में बीमारियों का सवाल ही पैदा नहीं होगा. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा नहीं है क्योंकि मच्छर बहुत जरूरी हैं. कई प्रक्रियों में मच्छर उपयोगी होते हैं. ने पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मच्छर उस व्यवस्था का हिस्सा हैं जहां जीव भोजन के लिए एक दूसरे पर निर्भर करते हैं.

क्या कहता है विज्ञान: दूसरे जानवरों में इंसानों की तरह क्यों नहीं है दिमाग

दुनिया में अरबों मच्छर हैं जो दूसरे जानवरों का भोजन हैं. हालांकि अभी तक ऐसा कोई जीव मिला ही नहीं है जिसका भोजन केवल मच्छर हैं, फिर मच्छर खाद शृंखला का प्रमुख हिस्सा हैं.  पानी रहने वाले शिशु मच्छर कई मछलियों का प्रिय भोजन हैं.

मेंढक, ड्रैगनफ्लाय, चींटियां, मकड़ी, और अन्य जानवरों के भोजन का मच्छर एक बड़ा हिस्सा हैं. मच्छरों का गायब होना बिलकुल ऐसा ही होगा जैसे दुनिया के चावल गायब होना. इसके अलावा नर मच्छर पौधों में परागन प्रक्रिया को पूरी करने में योगदान देते हैं. वैज्ञानिक चुनिंदा खतरनाक मच्छरों से निपटने का प्रयास कर रहे है, लेकिन उन्हें खत्म करना कितना समाधान कारक होगा यह निश्चित नहीं है.

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