लेह. बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर स्थित पैंगोंग लेक जिसे पांगोंग त्सो के नाम से भी जाना जाता है, देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रही है। लगभग 4500 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय में स्थित इसी झील के बीच एसयूवी चलाते कुछ युवकों का वीडियो सुबह से वायरल हो रहा है। अपने से तो इन युवकों ने झील की खूबसूरती के बीच कार चलाकर प्राकृति का आंदन लेते हुए ये वीडियो शेयर किया है परंतु ट्वीटर पर यह वीडियो देख लोग उन्हें खूब लताड़ लगा रहे हैं।



वीडियो के नीचे ट्वीट करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे लगभग सभी लोगों ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि इन युवकों ने न सिर्फ झील की खूबसूरती को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है बल्कि इसे दूषित भी कर दिया। हद तो यह है कि जो युवक झील में एसयूवी चला रहे हैं, उन्होंने किनारे पर शराब की बोतलें भी रखी हैं। कई लोगों ने तो इन युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की लद्दाख प्रशासन से मांग भी की है।
I am sharing again an another shameful video . Such irresponsible tourists are killing ladakh . Do you know? Ladakh have a more than 350 birds species and lakes like pangong are the home of many bird species. Such act may have risked the habitat of many bird species. pic.twitter.com/ZuSExXovjp
लेह से ही संबंध रखने वाले युवा कलाकार जिग्मत लद्दाखी ने इस वीडियो को अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर करते हुए लिखा कि मैं फिर से एक और शर्मनाक वीडियो शेयर कर रहा हूं। ऐसे गैरजिम्मेदार पर्यटक लद्दाख को मार रहे हैं।
क्या आप जानते हैं? लद्दाख में पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियां हैं और पैंगोंग जैसी झीलें कई पक्षियों का घर हैं। इस तरह के कृत्य से कई पक्षियों की प्रजातियों के आवास को खतरा हो सकता है
इस वीडियो में आप देखें कि काले रंग की एसयूवी कार पैंगोंल झील में तेजी से दौड़ रही है। एक युवक इसे चला रहा है जबकि दो युवक सनरूफ से बाहर निकले हुए हैं। एक अन्य युवक भी इनके साथ है जो किनारे पर खड़े होकर इनका वीडियो बना रहा है। उसी के साथ एक टेबल पर बीयर आदि की बोलतें सजी हुई हैं।
पैंगोंग झील से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी : विश्व में सबसे बड़ी खारे पानी की इस झील की लंबाई करीब 135 किलोमीटर है और यह करीब 604 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में जबकि 90 किलोमीटर क्षेत्र तिब्बत चीन में पड़ता है। आपको यह भी बता कि भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा इस झील के मध्य से होकर गुजरती है।
इस झील का औसत तापमान माइनस 18 डिग्री से माइनस 40 डिग्री के बीच बना रहता है। माना जाता है कि यह झील दिन में कई बार अपना रंग बदलती है, जिसके पीछे की वजह पानी में आयरन की मौजूदगी बताई जाती है। सर्दियों में यह झील पूरी तरह जम जाती है, जिसके बाद इस पर गाड़ी चला सकते हैं या आइस स्केटिंग या फिर पोलो भी खेल सकते हैं।






