महामारी (Covid-19) के कारण, कई लोगों ने अपनी हेल्थ को सीरियस से लेना शुरू कर दिया है और हेल्थ और बेहतर जीवन जीने के लिए चेंजेस को वो अपनाने लगे हैं. लाइफस्टाइल में ये बदलाव जिम में एक्सरसाइज (Exercise) करने से लेक लॉन्ग वॉक, योग और डाइट में होने वाले बदलावों में भी दिखाई दे रहे हैं.
लेकिन अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि आपकी अच्छी हेल्थ में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों का भी उतना ही महत्व है, जितना खाने का है. एक हेल्दी लाइफस्टाइल को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ये बहुत जरूरी है कि लोग खाना बनाने के लिए यूज किए जाने वाले अपने बर्तनों (Cookware) पर भी ध्यान देना शुरू करें. जानकारों का मानना है कि कुछ बर्तन ऐसे होते हैं जिन पर आमतौर पर एक विषैला लेप (Toxic Coating) होता है. ये बर्तन अक्सर हाई टेंप्रेचर में टूट जाते हैं और भोजन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं.
पीतल और लोहे के बर्तनों में खाना पकाना और पीने के पानी के लिए तांबे का उपयोग सदियों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है, हालांकि अब इनका यूज काफी कम हो गया है.
लेकिन जब हम अपनी हेल्थ और न्यूट्रिएंट्स की देखभाल करने के लिए आगे बढ़ते हैं, तो ये पूछना जरूरी हो जाता है कि क्या तांबे, पीतल, लोहे और कांस्य के बर्तनों की तरफ वापस रुख करना सही विकल्प है? आइए जानते हैं इन बर्तनों में खाना पकाने और खाने से हेल्थ को होने वाले फायदों के बारे में.
लोहा
कास्ट-आयरन पैन यानी कच्चे लोहे से बनी पैन का यूज करते समय खाना बनाने के लिए बहुत ज्यादा ऑयल यूज करने की जरूरत नहीं होती है. कास्ट-आयरन पैन का एक अतिरिक्त लाभ भी है, और वो ये है कि लोहे की पैन में खाना बनाने से उसमें मौजूद आयरन कंटेंट खाने में मिल जाते हैं.
जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है. इसके अलावा लोहे के बर्तन टिकाऊ और मजबूत होते हैं. हालांकि, बहुत से लोग इन दिनों नॉन-स्टिक पैन का यूज करते हैं, जिसमें एक टॉक्सिक और कैमिकल कोटिंग होती है.
कांस्य
ब्रॉन्ज या कांसे (कांस्य) खाना खाने के लिए सबसे अच्छी धातुओं में से एक है. विशेषज्ञों का मानना है कि कंसे की प्लेट खाने में मौजूद एसिड कंटेंट को कम कर सकती है और आंत और डाइजेस्टिव हेल्थ को बढ़ावा देती है. ये इंफ्लेमेशन को कम करने, याददाश्त में सुधार और थायराइड बैलेंस करने में भी मदद करती है.
पीतल
ब्रास (Brass) या पीतल तांबे और जस्ता (कॉपर और जिंक) से बना होता है, दोनों ही धातु मानव के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. पीतल के बर्तन लंबे समय तक चलने वाले, टिकाऊ और गैर-चुंबकीय होते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पीतल के बर्तन में खाना पकाने से पोषक तत्वों की केवल 7% तक की हानि हो सकती है, जबकि वैकल्पिक कुकवेयर में खाना पकाने से ये प्रतिशत बहुत अधिक हो जाता है.
तांबा
तांबे (कॉपर) के जार से पानी पीने के कई फायदे हैं, जिसमें ये तथ्य भी शामिल है कि ये वॉटर प्योरिफिकेशन का एक नेचुरल प्रोसेस शुरू करता है. कॉपर अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाना जाता है, जो जोड़ों में दर्द और अन्य दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है.