बिलासपुर। करीब 104 घंटे बाद जिंदगी की जंग जीतकर लौटे राहुल का इलाज अपोलो हॉस्पिटल में जारी है। राहुल साहू का मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया है। राहुल के पैरों में पानी में डूबे रहने के कारण काफी इन्फेक्शन हो गया है।
कहा जा रहा है कि 2 दिन बाद ही स्थिति बेहतर हो पाएगी। अभी राहुल के कई टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है। फिलहाल इंफेक्शन की स्थिति स्थिर है, अपोलो के साथ ही बाहर के डॉक्टर से भी संपर्क किया जा रहा है।
डॉक्टर्स का कहना है कि जब कोई बोरबेल में गिरता है तो सामान्यतः ऑक्सीज़न की समस्या होती है, जिसे मेडिकल भाषा में हम Hypoxia कहते है, इस स्थिति में मरीज़ के शरीर में ऑक्सीज़न लेवल कम हो जाता है, और शरीर में रक्त संचार काम होने के कारण, जिससे रोगी को ब्रेन अटैक या लंग्स इन्फेक्शन के कारन मौत हो जाती है, चूंकि वक्त रहते एनडीआरएफ की ने ऑक्सीज़न की सप्लाई चालू कर दी थी इसीलिए हम आज राहुल को देख पा रहे हैं।
बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में राहुल को एडमिट करने के बाद बताया जा रहा है कि स्थिति गंभीर नहीं है, सामान्यतः बोरबेल में गिरते समय जो खरोंचे आयी है, उन्ही का इलाज चल रहा है। एडमिट होने बाद आज राहुल ने नास्ता किया है और अपने इशारो में पारिजनो से बात करने की कोशिश भी की है।
हॉस्पिटल प्रशासन की माने तो, स्थिति सामान्य है, किन्तु पूरी तरह से आख़री स्थिति के बारे में जानने के लिए आज शाम तक इंतज़ार करना होगा, डिस्चार्ज को लेकर एक से दो दिन तक का समय बताया जा रहा है।
इशारो में पारिजनो से बात करने की कोशिश
इस बीच ताजा अपडेट यह आया है कि राहुल की मां से मिलने विधायक शैलेश पांडे, मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी पहुंचे हैं। इस दौरान राहुल की मां ने मुख्यमंत्री और शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
उन्होेंने सेना एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस बल सब के प्रति आभार जताया और कहा कि आप सब ने मिलकर मेरे बेटे को बचा लिया।
विधायक शैलेश पांडे, मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी पहुंचे
बता दें कि जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल से निकाले गए राहुल की हालत स्थिर है, उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिए बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल भेजा गया था, इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। डॉक्टरों की विशेष निगरानी में राहुल का इलाज जारी है।
100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया
जांजगीर-चांपा जिले के पिरहिद गांव में बीते शुक्रवार की दोपहर अपने ही घर के बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल को आखिरकार 104 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया। 65 फीट गहरे बोरवेल से निकाले जाने के बाद बच्चे की मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जांच की और फिर उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिए बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल भेजा गया।
इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से चल रहे व्यापक बचाव अभियान में शामिल थे।