बर्लिन : जर्मनी ने प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए त्रिस्तरीय आपात योजना के दूसरे चरण में पहुंचने की घोषणा की और चेतावनी दी है कि रूस की तरफ से कम होती आपूर्ति के चलते सर्दी के लिये भंडारण लक्ष्यों को लेकर खतरा पैदा हो गया है।
सरकार ने कहा कि 14 जून से रूस की ओर से आपूर्ति में कटौती और बाजार में गैस के दामों में उछाल के चलते उसे ‘चिंताजनक’ स्तर की चेतावनी जारी करनी पड़ी है। तीसरा और अंतिम चरण ”आपात” स्तर कहा जाएगा।
आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबेक ने एक बयान में कहा कि हालात गंभीर हैं और सर्दी भी आएगी। उन्होंने कहा, ”गैस आपूर्ति में कटौती (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन का हम पर आर्थिक हमला है। हम इससे खुद की रक्षा करेंगे।
लेकिन देश को पथरीले रास्ते पर चलना पड़ेगा।” रूस ने पिछले सप्ताह जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य और स्लोवाकिया को गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी थी और यूरोपीय संघ के देश बिजली उत्पादन, ऊर्जा उद्योग और सर्दियों में घरों को गर्म रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन के भंडारण की जुगत भिड़ा रहे हैं।
जर्मनी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पोलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस और नीदरलैंड को हाल के हफ्तों में गैस आपूर्ति बंद कर दी गयी।
जर्मनी की सरकार ने कहा कि फिलहाल गैस भंडारण केंद्रों की क्षमता 58 प्रतिशत है, जो बीते साल के इस समय की तुलना में अधिक है। लेकिन यदि आगे कदम नहीं उठाए गए तो दिसंबर तक 90 प्रतिशत क्षमता हासिल करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
हेबेक ने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर हमें अब भी यह महसूस नहीं होतो है तो हम गैस संकट से गुजर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘दाम पहले से ज्यादा हैं और हमें आगे और वृद्धि के लिए तैयार रहने की जरूरत है।’’