अगर आप भी नहीं करते सूखे और गीले कचरे को अलग, तो अब होगी ये कार्रवाई, जान लें नए नियम नहीं तो

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सभी को सूखा और ​गीला कचरा अलग अलग न रखने वालों को टैक्स चुकाना ​महंगा पड़ सकता है। वहीं ऐसा करने वालों को राहत दी जा सकती है। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर देश के सबसे ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्र में शामिल है।



यहां के घरों से निकलने वाले कचरे भी ज्यादा तादाद में निकलते हैं। घरों से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग न किए जाने के चलते उन्हें रीसाइकिल करना या उनसे खाद बनाने में मुश्किल आती है।

इसके परिणाम स्वरूप यहां पांच स्थानों पर कचरे के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ खड़े हो गए हैं। कचरे के ढेर पर लगने वाली आग के चलते भी यहां की हवा अक्सर ही खराब श्रेणी में पहुंच जाती है।

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ठोस कचरे की समस्या के समाधान के लिए कचरे को उसके सोर्स यानी घर से ही अलग करने पर जोर दिया है।

आयोग की ओर से जारी नीति में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग न करने वालों से ज्यादा हाउस टैक्स वसूला जा सकता है, जबकि ऐसा करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स में छूट भी दी जा सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में कचरा उठाने में भी रोटेशन की व्यवस्था लागू की जा सकती है। आयोग ने कहा है कि गीला कचरा जहां प्रतिदिन उठाया जा सकता है, वहीं सूखा रोटेशन के अनुसार उठाया जा सकता है।

आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हर घर से कचरा उठाया जाना चाहिए। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अभी घरों से कचरा उठने की स्थिति अलग-अलग है।

एनडीएमसी जैसे क्षेत्र में सूखा और गीला कचरा घरों से ही अलग-अलग एकत्रित किया जाता है, जबकि दिल्ली के ही कई हिस्से ऐसे हैं, जहां गीला और सूखा कचरा एक साथ मिला दिया जाता है। इसके चलते रीसाइकिल करने में परेशानी होती है।

इन उपायों पर​ जोर दिया जाए

● लैंडफिल साइट की आग की रोकथाम को लेकर सख्त निगरानी होगी

● लैंडफिल साइट से निकलने वाली मीथेन गैस को निकालने के लिए उपकरण लगे

● खुले में कचरा जलाने की प्रवृत्ति पर रोक के लिए अभियान चलाया जाएगा

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