Kuno National Park updates: चीतों के लिए कूनो ही क्यों चुना गया? बेहद खूबसूरत है चीतों का ये घर, देखिए कूनो नेशनल पार्क की अनदेखी तस्वीरें

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में 8 अफ्रीकन चीतों की वापसी हो गई है। ये 8 चीते नामीबिया से भारत लाए गए हैं। इसके लिए कूनो नेशनल पार्क में खास बाड़े तैयार किये जाएंगे।



इन चीतों के आने से उम्मीद जताई जा रही है कि इन चीजों के देखने के लिए भारत समेत दुनियाभर से लोग आएंगे जिससे यहां टूरिज्म में भी काफी बढ़ोतरी होगी। टूरिज्म बढ़ने से यहां रहने वाले लोकल लोगों के लिए नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे। चीतों को भारत लाने से पहले इनके लिए कूनो नेशनल पार्क में खास इंतजाम किए गए हैं.

लेकिन क्या आपने सोचा की इन अफ्रीकन चीतों को भारत लाने के लिए मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को ही क्यों चुना गया। आज हम आपको कूनो नेशनल पार्क की कुछ खास बातें बताने वाले हैं। जिसकी वजह से भारत लाए गए चीतों को कूनो में ही शिफ्ट किया गया।

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बता दें कूनो नेशनल पार्क का निर्माण साल 1981 में करवाया गया था। ये नेशनल पार्क 750 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके साथ ही ये इतना खूबसूरत है कि वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां पर घास का काफी बड़ा मैदान हैं जो कान्हा या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से भी बड़ा हैं। इसकी खूबसूरती और वातावरण को देखते हुए साल 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।

वन्यजीव प्रेमियों के लिए मध्य प्रदेश का कूनो राष्ट्रीय उद्यान बेहद खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस पार्क के अंदर प्रवेश करते ही आपको यहां करधई, खैर और सलाई के पेड़ नजर आएंगे साथ ही यहां आपको घास का बहुत बड़ा मैदान और कई तरह के वन्य जीव देखने को मिलेगें। यहां के घास के मैदान कान्हा या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे बड़े हैं। यहां पर वन्यजीवों और पेड़-पौधों की अलग-अलग प्रजाति पाई जाती है।

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कूनो में पाए जाने वाले जीवों की प्रजातियां,,,

चित्तीदार हिरण या चीतल, सांभर, बार्किंग हिरण या काकड़, चौसिंघा या चौसिंगा, नीलगाय या नीला बैल, भारतीय गज़ेल या चिंकारा, काला हिरण, गौड़ या, भारतीय बाइसन, तेंदुआ, जंगली कुत्ता या ढोले, धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय भेड़िया, सियार, जंगली सूअर, भालू, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, डेजर्ट ,कैट, आम पाम सीविट, छोटा भारतीय कस्तूरी बिलाव, ग्रे नेवला, छोटा भारतीय नेवला, रूडी नेवला, भारतीय खरगोश, भारतीय सेही, गर्बिल, इंडियन ट्री श्रू, लंगूर/आम लंगूर, रीसस बंदर

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