भारत में देवी की पूजा होती है। देवी मां के अनेक रूप हैं, कभी वह माता गौरी के रूप में गणेश जी का लालन पालन करती हैं तो कभी अपने भक्तों को बचाने के लिए माता दुर्गा और मां काली का रूप धारण कर लेती हैं। रसोई में गृहस्थ को भरपूर रखने के लिए माता अन्नपूर्णा हैं तो शिक्षा और ज्ञान का प्रसार करने के लिए माता सरस्वती का स्वरूप पूजनीय है। भक्त माता के इन सभी स्वरूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के नौ दिन नवदुर्गा की उपासना होती है। ऐसे में हर नारी में भी देवी के यही रूप हैं।
वह घर परिवार संभाल सकती हैं, तो देश और समाज के निर्माण में योगदान दे सकती हैं। राजनीति से प्रशासनिक क्षेत्र तक और रक्षा मंत्रालय से खेल जगत तक हर क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता इसका उदाहरण है। नवरात्रि के पावन पर्व पर खेल जगत में शामिल ऐसी ही भारत की नौ दमदार महिला खिलाड़ियों के बारे में जानिए, जो देश का मान बढ़ा रहीं।
सानिया मिर्जा
भारत में महिला टेनिस को लोकप्रिय बनाने में सानिया मिर्जा का विशेष योगदान है। अगर सानिया मिर्जा को पहली भारतीय महिला टेनिस सुपरस्टार कहें, तो गलत न होगा। हैदराबाद की एक युवा लड़की ने टेनिस की दुनिया में कदम रखा और अपनी मेहनत व कड़े परिश्रम से भारत को दुनियाभर के टेनिस खिलाड़ियों के सामने एक कड़े मुकाबले के तौर पर पेश किया।
सानिया मिर्जा 6 बार ग्रैंड स्लैम विजेता रहीं। साल 2009 में मिर्जा ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स में जीत हासिल की। साल 2015 में युगल वर्ग में सानिया मिर्जा ने डब्ल्यूटीए रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया। ऐसा कीर्तिमान प्राप्त करने वाली सानिया इकलौती भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं। मिर्ज़ा ने अब तक 42 डब्ल्यूटीए युगल खिताब जीते हैं।
मैरी काॅम
बॉक्सिंग जैसे स्पोर्ट में एक महिला ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह जगह बना ली जो पुरुष खिलाड़ी भी आसानी से बना नहीं पाते। मैरी कॉम मैंगते ने अपने परिश्रम और कड़ी ट्रेनिंग के बल पर छह बार महिला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते। साल 2012 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर अपने बेमिसाल मुक्केबाजी करियर को स्थापित किया। साल 2014 में उन्होंने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता। मैरी कॉम को अर्जून अवार्ड, पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
मिताली राज
भारत में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है। हालांकि महिला क्रिकेट टीम को पुरुषों के बराबर प्रसिद्धि मिलने में वक्त लगा। लेकिन जब मिताली राज ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी अपने हाथों में ली तो महिला क्रिकेट एक अलग मुकाम पर पहुंचा।
मिताली राज वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला बल्लेबाज हैं। उन्होंने 232 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा 12 टेस्ट मैच खेले। अब तक 6 वर्ल्ड कप खेलने वाली मिताली राज एकमात्र खिलाड़ी हैं। 16 साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाली मिताली राज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी की लिस्ट में शामिल हो गईं।
पीवी सिंधु
भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की उपलब्धियां भी कम नहीं। टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु का शानदार प्रदर्शन देखा गया। सिंधु अब तक दो बार ओलंपिक मेडल हासिल कर चुकी हैं। साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रजत पदक जीता था।
बाद में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीता। सिंधु 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत की ध्वजवाहक रह चुकी हैं। सिंधु ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी का खिताब हासिल कर लिया।
अंजू बाॅबी जाॅर्ज
लंबी कूद में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी अंजू बाॅबी जाॅर्ज हैं। केरल में अंजू बॉबी जॉर्ज ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। साल 2003 में पेरिस में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में अंजू बाॅबी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश के लिए कांस्य पदक जीता। इस उपलब्धि के साथ वह भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।
साइना नेहवाल
भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों की लिस्ट में साइया नेहवाल की नाम कई रिकाॅर्ड के कारण टाॅप पर है। साइना नेहवाल ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने साल 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। साइना ने लंबे समय तक विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी होने का गौरव बनाए रखा।
साल 2004 से बैडमिंटन में सक्रिय साइना ने 2009 तक बैडमिंटन की टॉप 10 खिलाड़ी की लिस्ट में जगह बना ली। 2015 में साइना वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान पर थी। इस उपलब्धि को हासिल करने वाली साइना पहली भारतीय महिला हैं। वहीं साइना नेहवाल ने तीन बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
तसनीम मीर
साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के अलावा एक और बैडमिंटन खिलाड़ी का नाम देश दुनिया में प्रसिद्ध है। तसनीम मीर ने विश्व में बैडमिंटन में पहली रैंक हासिल की है। इस महिला बैडमिंटन खिलाड़ी को अंडर 19 सिंगल्स में विश्व की पहली खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त हुआ। तसनीम मीर से पहले भारत से कोई महिला खिलाड़ी पूरे विश्व में नंबर 1 नहीं बनी थी। गुजरात की रहने वाली 16 वर्षीय तसनीम मीर की बैडमिंटन के अंडर 19 में वर्ल्ड रैंकिंग नंबर 1 है।
जमुना बोरो
भारतीय महिला मुक्केबाज जमुना बोरो की सफलता की कहानी आर्थिक दिक्कतों, मुक्केबाजी में करियर बनाने को लेकर लोगों के ताने सुनने से शुरू हुई। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 54 किलोग्राम वर्ग में भारत की नम्बर वन मुक्केबाज बनकर जमुना बोरो ने सबकी बोलती बंद कर दी। विश्व रैंक में जमुना टॉप 5 में शामिल हो चुकी हैं। इसके अलावा महिलाओं की 54 किलोग्राम वर्ग में देश की नंबर एक मुक्केबाज बनने की उपलब्धि भी जमुना बोरो के नाम है। जमुना ने ताइपे में विश्व युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 54 किलो वर्ग श्रेणी में रजत पदक हासिल किया है।
हिमा दास
असम की हिमा दास ने रेस को बतौर करियर चुनते हुए कड़ी ट्रेनिंग की और महज 20 साल की उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। हिमा ने एक महीने में पांच गोल्ड मेडल जीत कर भारत का मान बढ़ाया। भारत की उड़न परी के नाम से मशहूर हिमा दास ने पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जिन्होंने पांच गोल्ड मेडल जीते। आईएएएफ विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकंड में यह उपलब्धि अपने नाम की।