Kiss Day 2023 : पार्टनर को Kiss करने से पहले जान लीजिए ये जरुरी बातें, Lip-Lock से हो सकती है ये गंभीर बीमारियां… विस्तार से पढ़िए…

Kiss Day 2023 : प्रेमी जोड़ो का सबसे खास महीना फरवरी माना जाता है। इस महीने में प्रेमी जोड़ा पुरे एक सप्ताह तक अलग-अलग तरीके से अपने पार्टनर के साथ मनाता है। इन दिनों फिजाओं में प्रेम की महक फैली हुई है। हर प्रेमी जोड़ा प्यार की दुनिया में खोया हुआ है। आखिर ऐसा हो भी क्यों नहीं आखिरकार माह-ए-इश्क जो चल रहा है। वैलेंटाइन से पहले ही हर कोई प्रेम के आनंद को महसूस करने लगता है। दरअसल, प्रेम करने वालों के लिए वैलेंटाइन डे का दिन बेहद ही खास होता है। ऐसे में आज वैलेंटाइन वीक का किस डे मनाया जा रहा है। आज के दिन प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे को किस करके अपने प्यार का इजहार करते हैं।



अपने पार्टनर को किस करने से पहले आपको अपने और अपने साथी के सेहत के बारे में जरूर सोचना चाहिए। प्यार में अपने पार्टनर को किस करना बड़ी ही सामान्य सी बात है। अटूट रिश्ते और प्यार को जताने के लिए अक्सर पार्टनर एक दूसरे को किस करते हैं। वैसे तो प्यार में किस करना सुख की अनुभूति कराता है, लेकिन इस बात के भी वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि किस करने से कई खतरनाक संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

हर्पीस –
वैसे तो हर्पीस के वायरस दो तरह के होते हैं- HSV-1 और HSV-2। हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, HSV-1 वायरस किस के जरिए बड़ी आसानी से फैल सकता है। इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया कि 50 साल से कम उम्र के 67 प्रतिशत लोगों में इसके होने की संभावना है। मुंह या गुप्तान में लाल या सफेद रंग के छाले इसके सबसे प्रमुख लक्षण माने जाते हैं।

बात करें टाइप 2 कि तो, HSV-2 हर्पीस का दूसरा प्रकार है। इसे जेनिटल हर्पीस भी कहते हैं। वैसे तो यह मुख्य रूप से शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है, लेकिन इसके किस के जरिए फैलने की संभावनाएं भी होती हैं। HSV-2 के लक्षण भी HSV-1 की तरह ही होते हैं।

साइटोमेगालोवायरस –
साइटोमेगालोवायरस एक ऐसा वायरल इनफेक्शन है जो सलीवा या लार के संपर्क में आने से फैलता है। इसके साथ ही, ये वायरस यूरिन, ब्लड, सीमेन और ब्रेस्ट मिल्क के जरिए भी आसानी से फैल सकता है। यह अक्सर मुंह या गुप्तांग के संपर्क में आने से भी फैलता है।

सिफलिस –
सिफलिस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो किस या सैक्शुअल एक्टिविटीज के दौरान हो सकता है। सिफलिस के संपर्क में आने से मुंह के अंदर घाव या छाले जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि इस इंफेक्शन को एंटी-बायोटिक्स दवाओं से कंट्रोल किया जा सकता है।

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