मुंबई: यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दीवार’ (Deewar) को हिंदी सिनेमा के सफलतम फिल्मों में से एक माना जाता है. 1975 में रिलीज हुई फिल्म के दमदार डायलॉग पर सिनेमाघर में बैठे दर्शकों ने खूब तालियां बजाई थी. इस फिल्म की सफलता ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के करियर को ऊंचाई पर पहुंचा दिया था, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी इस फिल्म के लिए अमिताभ नहीं बल्कि राजेश खन्ना निर्माता गुलशन राय की पहली पसंद थे.
‘दीवार’ दो भाईयों की कहानी है, जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलते हुए दो अलग-अलग रास्ते चुनते हैं, जिससे दोनों के बीच एक दीवार खड़ी हो जाती है. इस फिल्म की कहानी सुनते हुए निर्माता गुलशन राय के आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे थे, उन्होंने इस कहानी को दो बार पढ़ा. वहीं यश चोपड़ा ने जैसे ही फिल्म की कहानी सुनी उन्हें तुरंत अंदाजा हो गया कि उनके हाथ एक ब्लॉकबस्टर लग गई है. फिल्म बनाने से पहले वह समझ गए कि ये तो सुपरहिट होगी ही.
सलीम-जावेद ने लिखा जबरदस्त डायलॉगयश चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘सुनते ही मुझे लगा कि ये कहानी ‘मदर इंडिया’ से प्रभावित है, लेकिन सलीम-जावेद की जबरदस्त स्क्रिप्ट थी और उससे भी जबरदस्त थे डायलॉग. इस फिल्म को बनाने में मुझे एक भी डायलॉग हटाना नहीं पड़ा, मैं समझता हूं कि सलीम-जावेद ने अपने पूरे करियर में इससे बेहतर स्क्रिप्ट नहीं लिखी थी, मेरे हिसाब से शोले से बेहतर दीवार की स्क्रिप्ट थी’.
‘दीवार’ के हर डायलॉग पर बजती थी सीटी-ताली‘दीवार’ को रिलीज हुए 48 साल हो गए लेकिन फिल्म के डायलॉग आज भी दोहराए जाते हैं. जैसे- ‘मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास क्या है…मेरे पास मां है…’, ‘मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता’, ‘मेरा बाप चोर है’, पीटर, तुम मुझे वहां ढूंढ रहे हो मैं तुम्हारा यहां इंतजार कर रहा हूं’. इसके अलावा ‘आज खुश तो बहुत होगे तुम’..वाला मोनोलॉग, दर्शकों की जुबान पर चढ़ा हुआ है.
राजेश खन्ना के साथ ‘दीवार’ बनाना चाहते थे गुलशन राययश चोपड़ा ने ही बताया था कि फिल्म प्रोड्यूसर फिल्म में राजेश खन्ना को लेना चाहते थे क्योंकि ‘दाग’ में काम किया था और वह हिट हुई थी लेकिन ‘जंजीर’ देखने के बाद मैं अमिताभ बच्चन को कास्ट करना चाहता था. 1974 में फिल्म की शूटिंग के समय अमिताभ ‘शोले’ की शूटिंग भी कर रहे थे. दोनों ही फिल्में अलग-अलग शहरों में शूट हो रही थी’.
रात में ‘दीवार’, दिन में ‘शोले’ की शूटिंग करते थे अमिताभ बच्चन ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था ‘दीवार के क्लाइमैक्स को मुंबई (उस समय बंबई) में रात को शूट किया जा रहा था, मैं रात भर जागता और सुबह बेंगलुरू की फ्लाइट पकड़ लेता, क्योंकि रामगढ़ में ‘शोले’ की शूटिंग चल रही थी. यहां की शूटिंग निपटा फिर शाम बंबई की फलाइट पकड़ लेता ताकि ‘दीवार’ की शूटिंग न रूके, ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा’.