रिलीज से पहले ही बैन हो गईं ये 5 फिल्में, पानी में डूब गए करोड़ों, अनुराग कश्यप से लेकर केके मैनन को लगा था झटका

मुंबई. पूरी दुनिया के जिन भी देशों में अच्छे फिल्म मेकर्स हैं वहां फिल्मों पर बैन लगता रहता है. शायह ही कोई देश ऐसा हो जहां सामाजिक चेतना से भरे फिल्म मेकर ने फिल्में बनाई हों और कोई फिल्म बैन ना हुई हो. भारत भी इसका अपवाद नहीं है.



बॉलीवुड में भी कई दिग्गज फिल्म मेकर्स ने ऐसी फिल्में बनाई हैं जिन्हें सेंसर बोर्ड ने पास ही नहीं किया. रिलीज से पहले ही बैन हो गईं इन फिल्मों से मेकर्स को तगड़ा झटका लगा. साथ ही उन एक्टर्स का भी नुकसान हुआ जिन्होंने मेहनत कर फिल्म में दमदार एक्टिंग की लेकिन इसे देखने के लिए दर्शक नहीं मिले. आइये जानते हैं पूरी लिस्ट.

1-द पेंटेड हाउस: ये फिल्म एक ऐसे लेखक की कहानी है जो खुद को एक शरीफ इंसान मानते हैं. अकेले रह रहे राइटर के घर में एक दिन एक लड़की आती है. लड़की के आने से ही राइटर की पूरी जिंदगी बदल जाती है. लड़की खूबनसूरत रहती है जिसे देखकर राइटर का डार्क साइड जागने लगता है. जैसे ही डायरेक्टर का मिजाज बदलता है वैसे ही फिल्म में एक और इंसान की एंट्री होती है. तीन कैरेक्टर्स के इर्द गिर्द घूमती इस फिल्म को भारत में बैनकर दिया गया था. बैन करने की वजह फिल्म में शूट किए गए एडल्ड और रंगीन सीन थे.

2-पांच: डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने फिल्म ‘पांच’ साल 2003 में बनाई थी. केके मैनन समेत एक्टर्स से भरी ये फिल्म भारत में बैन कर दी गई थी. एक बैंड के चार मैंबर्स की जिंदगी से शुरू होने वाली कहानी ड्रग्स और किडनेपिंग की दुनिया में घुस जाती है. केके मैनन की एक्टिंग भी जोरदार थी. इस फिल्म के बैन होने के पीछे की वजह भी ड्रग्स की काली दुनिया और अपराध की लाल दीवार को लोगों को देखने से रोका जाए.

3-उर्फ प्रोफेसर: साल 2000 में बनी फिल्म उर्फ प्रोफेसर में मनोज पाहवा की दमदार एक्टिंग की झलक दिखती है. डायरेक्टर पंकज आडवाणी की ये फिल्म ऐसे हत्यारे की कहानी है जो पैसों के लिए लोगों की सुपारी लेता है और उन्हें नर्क के दर्शन कराता है. हत्यारा प्रोफेसर रहता है जिसका केवल एक शौक है डर्बी रेस पर पैसे लगाता है. सनकी प्रोफेसर कई साल से पैसे लगाता रहता है और जब उसकी किस्मत खुलती है तो पता चलता है कि रेस का टिकट दूसरी कार में छूट गया है. इसी को लेकर ये फिल्म बनी है. लेकिन फिल्म को बैन कर दिया गया. बताया गया कि फिल्म में डार्क कॉमेडी और डबल मीनिंग डायलॉग्स की भरमार है.

4-बैंडिट क्वीन: डायरेक्टर शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन साल 1994 में बनाई गई थी. चंबल की डकैत फूलनदेवी की जिंदगी पर बनी ये फिल्म काफी चर्चा में रही थी. इस फिल्म को भी बैन कर दिया गया था. फिल्म के सीन्स पर फूलनदेवी ने स्वयं आपत्ति जताई थी. हालांकि अब फिल्म यूट्यूब पर भी देखी जा सकती है. यही वो फिल्म है जिसने मनोज बाजपेयी समेत कई दिग्गज एक्टर्स को करियर की शुरुआत का चांस दिया था.

5-सिन्स: साल 2005 में बनी डायरेक्टर विनोद पांडे की फिल्म सिन्स एक पादरी और खूबसूरत लड़की की प्रेमकहानी है. पादरी को एक लड़की से प्यार हो जाता है. दोनों की जिंदगी के इर्द गिर्द घूमती इस फिल्म को भी बैन कर दिया था. फिल्म के बैन करने की वजह बताई गई थी कि फिल्म में एडल्ट सीन थे जो पादरी ने किए थे. जिसे लेकर लोगों के विश्वास को आहत करने से बचाने के लिए फिल्म पर ताला पड़ गया था.

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