उम्र बढ़ने के बहुत से लक्षण ऐसे होते हैं जो दिखाई नहीं देते. जैसे शरीर अंदर से कैसे बदल रहा है ये नहीं दिखता, लेकिन सफेद बाल सबसे पहले संकेत देते हैं कि अब शरीर पहले जैसा नहीं रहा. हाल ही में किए गए एक शोध से वैज्ञानिक ये जान चुके हैं कि हमारे बाल सफेद क्यों होते हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने पता लगा लिया है कि हमारे बाल आखिर सफेद क्यों होते हैं. उन्होंने एक शोध किया है जिससे अब सफेद बालों को फिर से काला करने या फिर बाल सफेद होने की प्रक्रिया को रोकने के लिए सेल को ऑल्टर करने का ट्रीटमेंट खोजने में मदद मिल सकती है.
शोधकर्ताओं ने चूहों की त्वचा में मौजूद सेल्स पर शोध किया. ये वे स्ल्स हैं जो इंसानों में भी पाई जाती हैं. इन्हें मेलानोसाइट स्टेम सेल (Melanocyte stem cells) या McSCs कहा जाता है.
भ्रूण स्टेम सेल (Embryonic stem cells) जो सभी तरह के अलग-अलग अंगों में विकसित होती हैं, उनसे अलग, वयस्क स्टेम सेल अलग तरह से चलती हैं. हमारे बालों के फॉलिकल्स में मेलानोसाइट स्टेम सेल्स हमारे बालों में पिगमेंट बनाने और बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती हैं.
नए शोध से पता चलता है कि जैसे-जैसे बालों की उम्र होती है, स्टेम सेल्स फंस सकती हैं और परिपक्व होने और बालों के रंग को बनाए रखने की क्षमता खो सकती हैं. कुछ स्टेम सेल जो कई अलग-अलग तरह की कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं, उनमें फॉलिकल्स में ग्रोथ कंपार्टमेंट्स के बीच चलने की खास क्षमता होती है. उम्र होने पर यही सेल्स चलने की क्षमता खो देती हैं, जिसकी वजह से हमारे बाल सफेद होते हैं. सरल भाषा में समझें तो, जब मेलेनिन बनाने वाली स्टेम सेल्स ठीक से काम करना बंद कर देती हैं, तो हमारे बाल सफेद होने लगते हैं.
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर उनके शोध के नतीजे मनुष्यों के लिए भी काम करते हैं, तो वे सफेद बालों को फिर से काला करने और बाल सफेद होना रोक सकते हैं.
शोध के प्रमुख लेखक क्यूई सन (Qi Sun) का कहना है कि नए मिले मेकैनिज़्म इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि मेलानोसाइट स्टेम सेल की यही स्थिति, मनुष्यों में भी मौजूद हो सकती है. अगर ऐसा है, तो इससे जाम हो चुकी सेल्स को बालों के फॉलिकल कंपार्टमेंट में फिर से भेजा जा सकता है और इंसान के बालों को काला करने या सफेद होना रोकने का तरीका मिल सकता है.