ज्योतिष अनुसार व्यक्ति के ऊपर नवग्रह अपना अशुभ प्रभाव डालते हैं। जिससे व्यक्ति को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए नवग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में तंत्र, मंत्र और रत्नों का वर्णन मिलता है। ऐसे में यहां हम बात करने जा रहे हैं नवरत्न अंगूठी की, जिसको धारण करने से नवग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाई जा सकती है।



नवग्रह अंगूठी धारण करने से मिलते है ये लाभ
नवरत्न अंगूठी पहनने से आर्थिक लाभ होने की मान्यता है। साथ ही ग्रहों का जो अशुभ प्रभाव व्यक्ति के ऊपर पड़ता है, वो भी अंगूठी धाऱण करने से कम होता है। नवग्रह अंगूठी धारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से व्यक्ति का साहस, उत्साह बढ़ता है। साथ ही कारोबार में अच्छा लाभ होता है।
वैवाहिक जीवन में भी अंंगूठी धारण करने से मधुरता बढ़ती है। आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। वहीं ग्रहों से जो सेहत संबंधी समस्याएं होती हैं, उससे भी निजात मिल सकती है। वहीं जो लोग राजनीति, फिल्म स्टार और कला लाइन से जुड़े हुए हैं, वो लोग भी अंगूठी को धारण कर सकते हैं।
इस विधि से करें अंगूठी धारण
नवरत्न अंगूठी में सभी नौ रत्न बराबर वजन के लगे होने चाहिए। साथ ही इसको सूर्योदय के बाद 1 घंटे के अंदर धारण करना चाहिए। वहीं इसे धारण करने के लिए किसी भी महीने के शुक्ल का शुक्रवार या रविवार सबसे अच्छा माना गया है। अंगूठी को सोने के धातु में धारण करना चाहिए। लेकिन नवरत्न की अंगूठी धारण करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
हर ग्रह के लिए होता है अलग रत्न
नवरत्न की अंगूठी में 9 रत्न लगे होते हैं और यह 9 रत्न नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें सूर्य के लिए रूबी या माणिक्य, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु बृहस्पति के लिए पुखराज, शुक्र ग्रह के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए कैट्स आई यानी लहसुनिया रत्न इसमें लगाया जाता है।






