जांजगीर-चांपा. कलेक्टर जेपी पाठक ने कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण और बाहरी प्रांतों से आ रहे श्रमिकों, यात्रियों की अधिक संख्या के मद्देनजर आज कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में जिले के निजी चिकित्सकों की बैठक ली।
कलेक्टर ने कोविड-19 के सैंपलिंग और उन्हें यथाशीघ्र टेस्ट के लिए भेजने के लिए निजी चिकित्सालयों को अपने टेक्नीशियन स्टाफ को सैंपल लेने की तकनीकी जानकारी देने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वाया आयोजित प्रशिक्षण में भेजने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निजी चिकित्सालय के टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण एवं अन्य चिकित्सा संबंधी सहयोग के लिए समन्वय हेतु व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बंजारे को दिए। कलेक्टर ने कहा कि अब तक जिले में कोविड-19 के 11 पॉजिटिव केस मिले हैं। जिले में अन्य प्रांतों से करीब 70 हजार प्रवासी श्रमिकों की आने की संभावना है। जिनका बस, ट्रेंन एवं अन्य माध्यमों से आने का क्रम जारी है। अब तक करीब 20 हजार लोग अन्य प्रांतों से जांजगीर-चांपा जिला आ चुके हैं। जिन्हें संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया है। कलेक्टर ने कहा कि क्वारंटीन अवधि समाप्त होने के बाद इन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानसून में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। कम्युनिेटी संक्रमण को रोकने कोविड 19के लक्षण वाले संभावित लोगों का सैंपल लेकर उनका टेस्ट तत्काल कराया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में निजी चिकित्सकालयों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और उस पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन के सहयोग का अनुरोध किया और उनके स्टाफ के चिकित्सकों , चिकित्सा सहायकों, लेब टेक्नीशियंस को कोविड-19 के सैंपल लेने अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण में शामिल कराने के निर्देश दिए।
पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर ने निजी चिकित्सकों से कोविड-19 के नियंत्रण के लिए दिए गए सुझाव पर लक्षण वाले मरीजों की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को देने की बात कही। उन्होंने लक्षण वाले मरीजों की कांटेक्ट हिस्ट्री की भी जानकारी अपने स्तर पर एकत्र कर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने कहा कि जिले में अन्य प्रांतों से आने वाले श्रमिक यात्रियों को होम क्वारंटीन कि अनुमति नहीं होगी। सभी को संस्थागत क्वारंटीन में रहना अनिवार्य होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के नियंत्रण के लिए उनकी भूमिका से अवगत कराया व लैब टेक्नीशियंस तथा चिकित्सा सहायकों को सैंपल लेने विधिवत तकनीकी प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से शामिल करने का अनुरोध किया।