ऑन द स्पाट मिल रही मनरेगा की मजदूरी, एनआरएलएम समूह की बैंक सखियां कार्यस्थल पर कर रहीं मजदूरी का भुगतान

जांजगीर-चांपा. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में काम करने वाले मजदूरों को पैसे के लिए बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, बल्कि उनके लिए मजदूरी का भुगतान एनआरएलएम की बीसी सखी सेतु ( ‘सेतु’-एसएचजी -इम्पावरिंग, ट्रांसफारमिंग एण्ड अर्बनाइजिंग विलेजेस ) से जुड़ी महिलाएं कार्यस्थल पर ही जाकर कर रही हैं, जिससे मजदूरों को कोरोना महामारी के बीच लगाए गए लॉकडाउन में आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ( एनआरएलएम ) के माध्यम से जिले के विकासखण्डों में ऑनलाइन कियोस्क लेपटाप के माध्यम से 16 समूह की महिलाएं बैंकिंग की सुविधाएं गांव-गांव जाकर दे रही हैं। इसके अलावा पे-प्वाइंट मोबाइल उपकरण के माध्यम से 90 महिलाएं घर-घर जाकर बैंकिंग की सुविधा मुहैया करा रही हैं। बैंक सखी सेतु की महिलाएं लॉकडाउन अवधि में 4 करोड़ रूपए का भुगतान कर चुकी हैं। इसके एवज में बैंक सखी को लेपटाप कियोस्क मॉडल के भुगतान पर पंद्रह सौ रूपए एवं मोबाइल पे-प्वाइंट के भुगतान करने पर प्रतिमाह एक हजार रूपए का मानदेय दिया जाता है। वर्तमान में मनरेगा के कार्यस्थल पर जाकर बीसी सखी सेतु की महिलाएं मजदूरी का भुगतान कर रही है। इसके अलावा बुजुर्ग, विधवा पेंशन का लाभ, गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का भुगतान हो या जनधन खाते में आई राशि का भुगतान, टीवी का रिचार्ज से लेकर मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल का भुगतान एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं बैंक सखी सेतु के माध्यम से मुहैया कराया जा रहा है। इस दौरान कोरोना वायरस से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। साथ ही मुंह एवं नाक पर मास्क और लेनदेन की प्रक्रिया के पहले और बाद में अच्छे से हाथों को सैनिटाइजर भी कर रही हैं।
मेहनत, लगन से कर रही बीसी सखी कार्य
एनआरएलएम शाखा प्रभारी आकाश सिंह ने बताया कि बैंक सखी सेतु से जुड़ी हुईं समूह की महिलाएं मनरेगा के कार्यस्थल पर जाकर बड़ी ही मेहनत, लगन से ग्रामीणों को बैंकिंग की सुविधा पहुंचा रही है। बैंक सखी सेतु के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से खाताधारक की खाता संख्या एवं अंगुलियों के निशान लेकर खाता का संचालन कर रही हैं।

जनपद पंचायत बम्हनीडीह की बीसी सखी श्रीमती प्रमिला कटकवार के द्वारा ग्राम पंचायत सिलादेही में मनरेगा के तहत चल रहे तालाब गहरीकरण कार्यस्थल पर जाकर मजदूरों को उनके खाते के पैसे निकालने में मदद कर रही है। पिछले एक सप्ताह से वे लगातार कार्यस्थल पर जा रही हैं। उनका कहना है कि इससे जरूरतमंदों को मौके पर ही मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि मनरेगा कार्यस्थल पर कंचन बाई ने 500 रूपए, मोतीलाल ने 1000, मिलन कुमार ने 500, प्रीति साहू ने 300 रूपए की राशि निकाली। इसी तरह ग्राम पंचायत बिर्रा में कार्यस्थल पर अनिता साहू, राधे ने 1-1 हजार रूपए निकाले। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में ही मनरेगा मजदूरी का भुगतान होने से उन्हें बाहर बैंक में लंबी कतार में नहीं खड़े होना पड़ रहा है और न ही आने-जाने पर भी राशि खर्च करनी पड़ रही है। जनपद पंचायत अकलतरा ग्राम पंचायत खटोला में बीसी सखी पंकजनी ढीमर द्वारा तालाब गहरीकरण एवं दीप्ति साह ग्राम पंचायत रसेड़ा में तालाब गहरीकरण के दौरान मजदूरों का भुगतान कर रही हैं। इसी तरह जनपद पंचायत नवागढ़ की ग्राम पंचायत बरभांठा, ग्राम पंचायत खिसोरा में बीसी सखी सीतादेवी सोनवानी के द्वारा कार्यस्थल पर मनरेगा के मजूदरों को राशि वितरित की गई। जनपद पंचायत सक्ती ग्राम पंचायत नंदेली कलस्टर की बैंक सखी श्रीमती सविता देवी द्वारा मनरेगा मजदूरों को राशि का वितरण की है। जनपद पंचायत जैजैपुर की ग्राम पंचायत पंेड्री में बीसी सखी गिरिजा कश्यप के द्वारा मजदूरों का मौके पर ही भुगतान किया गया। पामगढ़ जनपद पंचायत की बीसी सखी सुशीला साहू, रेखा दीवाकर, विमला देवी कुर्रे, पूजा खरे आदि गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को यह सुविधा मुहैया करा रही हैं।



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