नई दिल्ली. करमा’ की खुशियां मंगलवार को मातम में तब्दील हो गई। पवित्र करम डाली को विसर्जित करने नदी व डैम पहुंची हजारीबाग व धनबाद की 11 बच्चियां-बच्चे बह गए। इनमें से तीन के शव बरामद कर लिए गए, जबकि दो की तलाश जारी है।
बराकर के डूबा क्षेत्र के लापता बच्चियों को चार किमी के दायरे में खोजते लोग।
दो बच्चियों की तलाश अब भी जारी
इधर, ग्रामीणों के प्रयास से डूब रहे छह बच्चों को बचा लिया गया। हजारीबाग के चौपारण प्रखंड स्थित ओबरा गांव में मंगलवार की सुबह आठ बजे करम पूजा की डाली विसर्जन करने गईं छह लड़कियां बराकर नदी में बह गईं। ग्रामीणों की तत्परता से इनमें से तीन को बचा लिया गया।
शेष तीन में से एक 13 वर्षीया दिव्या कुमारी का शव बरामद किया गया है। दो अन्य 10 वर्षीया सरस्वती कुमारी तथा सपना कुमारी की तलाश जारी है। अंधेरा हो जाने से देर शाम रेस्क्यू का काम बंद हो गया था। लोग एनडीआरएफ को बुलाने की मांग कर रहे हैं।
घटनास्थल पर पहुंचे डीएसपी व जिप सदस्य रवि शंकर अकेला।
धनबाद में भी विसर्जन के दौरान हुआ हादसा
धनबाद के बाघमारा में करम डाली विसर्जन के दौरान माटीगढ़ जमुनिया डैम में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि पानी में डूब रहे तीन बच्चों को बचा लिया गया। मृतकों की पहचान माटीगढ़ सेक्टर छह के 12 वर्षीय देवराज कुमार और 14 वर्षीय सोनाली कुमारी के रूप में की गई है।
घटना स्थल पर मौजूद विधायक उमाशंकर अकेला व अन्य।
जमुनिया डैम में भी डूबे बच्चे
सोमवार की रात करमा मनाने के बाद मंगलवार की सुबह आठ-दस बच्चे करम डाली का विसर्जन करने जमुनिया डैम गए थे। विसर्जन के बाद पांच बच्चे स्नान करने लगे।
इस बीच गहराई का अंदाजा नहीं होंने से बच्चे डूबने लगे, तभी वहां स्नान कर रही एक महिला ने अपनी साड़ी फेंक कर डूब रहे पांच बच्चों में से तीन कुणाल, शक्ति और प्रियंका को बाहर निकाल लिया, जबकि दो बच्चे डूब गए।