आग में खाक हो गई थी फैक्ट्री, सिर पर था 21 करोड़ का कर्ज, नहीं हारी हिम्मत, अब 554 करोड़ की कंपनी के मालिक. पढ़िए सफलता की कहानी..

Success Story: भारत में कई दिग्गज कारोबारियों की सफलता की कहानी आज के लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरित कर रही है. पिछले कुछ वर्षों में कई युवाओं ने नौकरी छोड़ बिजनेस करने का फैसला लिया और आज लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं. हम आपको जिस सफल कारोबारी की कहानी बताने जा रहे हैं उन्होंने उस दौर में अपने बिजनेस की शुरुआत की, जब किसी इंडस्ट्री को शुरू करना आसान काम नहीं था. आपने स्टीलबर्ड का नाम जरूर सुना होगा. यह हेलमेट की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है. स्टीलबर्ड हेलमेट अपनी बेहतरीन प्रोडक्ट क्वालिटी की वजह से एशिया की नंबर वन कंपनी बन गई है.



 

 

 

 

स्टीलबर्ड के मालिक की सफलता की कहानी भी उनके ब्रांड की तरह जबरदस्त रही है. देश में हेलमेट किंग के नाम से पहचान बना चुके स्टीलबर्ड के एमडी राजीव कपूर ने कड़ी मेहनत से 554 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी.

 

 

 

 

बचपन में सीखी बिजनेस की बारीकियांराजीव कपूर की बिजनेस जर्नी बचपन से ही शुरू हो गई थी. वे स्कूल से फ्री होकर अपने पिता के साथ फैक्ट्री में जाया करते थे. इस दौरान उनके पिताजी फैक्ट्री में उन्हें बताते और समझाते थे कि हेलमेट किस तरह तैयार होते हैं. फैक्ट्री जाने का ये सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा.

 

 

 

 

जैसे ही राजीव कपूर ने अपनी स्कूलिंग पूरी की. इसके बाद वे फैक्ट्री के काम काज से जुड़ गए और कॉलेज की पढ़ाई भी करते रहे. मीडिया रिपोर्ट्स में राजीव कपूर ने बताया कि मैं हर काम को चुनौती की तरह लेता था. पिता जी मुझे इस काम में एक्सपर्ट बनाते जा रहे थे.

 

 

 

 

कंपनी ने किसी सितारे को नहीं बना ब्रांड एबेंसडरस्टीलबर्ड हेलमेट बनाने वाला दिग्गज ब्रांड है, लेकिन कंपनी ने किसी सेलेब्रिटी को ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाया. राजीव कपूर का मानना है कि स्टीलबर्ड 60 वर्षों से बाजार में है और अपने आप में एक ब्रांड बन गया है. इन वर्षों में स्टीलबर्ड के हेलमेट्स ने कई पीढ़ियों के लोगों सुरक्षा दी. हमारा हेलमेट न जाने कितने लोगों के लिए यह सुरक्षा कवच बना इसलिए आज भी यह लोगों की पहली पसंद बना हुआ है.

 

 

 

 

6 पीढ़ियों को दी सुरक्षाखास बात है कि आज जो लोग स्टीलबर्ड के हेलमेट खरीद रहे हैं किसी जमाने में उनके पिताजी और दादा-नाना ने भी स्टीलबर्ड के ही हेलमेट पहने हैं. साल 2002 में राजीव कपूर की जिंदगी में एक तकलीफ देने वाला पल आया. उस समय कंपनी की मायापुरी यूनिट में भयंकर आग लग गई थी. जिस दिन यह घटना हुई उस दिन उन्हें 4 करोड़ का माल एक्सपोर्ट करना था लेकिन सब बर्बाद हो गया.

 

 

 

 

रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त कंपनी को बढ़ाने के लिए राजीव कपूर ने 21 करोड़ का लोन भी लिया था. हालांकि, ऐसे मुश्किल हालात में भी राजीव कपूर ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करते रहे. उसी का नतीजा है कि आज स्टीलबर्ड कंपनी निरंतर आगे बढ़ती जा रही है.

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