महिला दिवस विशेष : सेनेटरी पैड बनाकर समाज में उजियारा फैला रही समूह की महिलाएं, पेण्ड्री गांव की भारती व उजाला समूह बना रहा है सेनेटरी पैड, गर्ल्स स्कूल, हॉस्टल में जाकर बताती हैं सेनेटरी पैड के फायदे

जांजगीर-चांपा. पैडमेन फिल्म से प्रेरणा लेकर दो समूहों की महिलाओं ने सेनेटरी पैड बनाने का काम शुरू किया और उनके इस प्रयास से गांव सहित आसपास के क्षेत्र में जो स्वच्छता की अलख शुरू हुई, वह आज चारों तरफ फैलने लगी है. उनकी इस सोच का नतीजा है कि अन्य महिलाएं भी उनसे जुड़ने लगी हैं. समूह की महिलाएं पैड बनाकर उसे आसपास के गर्ल्स हॉस्टल, स्कूलों, कॉलेजों, दुकानदारों को उसके फायदे बताकर दे रही है, जिससे उन्हें आमदनी हो रही है, और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं.

जनपद पंचायत पामगढ़ के ग्राम पंचायत पेंड्री की प्रगति स्व सहायता समूह एवं उजाला स्व सहायता समूह की महिलाएं हैं, जो सेनेटरी पैड का निर्माण कर रही है। उनकी इस काम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजना बिहान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से उन्हें बैंक लिंकेज कराया गया। उजाला समूह की अध्यक्ष सीमा खरे एवं भारती समूह की अध्यक्ष राजकुमारी डाण्डे बताती है कि दोनों समूह मिलकर प्रतिदिन 500 नग का निर्माण करते हैं। जिसे आसपास के गर्ल्स स्कूल, हॉस्टल, दुकानों पर बेचते हैं, साथ ही एनआरएलएम के माध्यम से दूसरे जिले में लगाए जाने वाले सरस मेले में भी स्टॉल लगाकर सेनेटरी पैड की बिक्री करते हैं। समूह की महिलाएं बताती हैं कि सेनेटरी पैड को लेने में महिलाएं संकोच करती हैं, लेकिन जब हम किसी महिला के पास जाते हैं, तो उसे माहवारी के दिनों में कपड़े के उपयोग से होने वाले नुकसान के संबंध में विस्तार से बताते हैं। जब वे समझ जाती हैं तो उसके बाद सेनेटरी पैड की चर्चा करते हैं, महिला समूह से चर्चा करते हुए महिलाएं संकोच नहीं करती हैं।

महिलाएं आसानी से समूह के पास आकर भी सेनेटरी पैड लेकर जाती है। उजाला समूह की अध्यक्ष सीमा, नीता, मिरी, आशा बाई, सुमित्रा सूर्यवंशी, बसंती खरे, भारती समूह की अध्यक्ष राजकुमारी, मंजू डाण्डे, सविता, पितर आदि बताती हैं कि उन्होंने सेनेटरी पैड बनाने के लिए बकायदा प्रशिक्षण लिया है। यह प्रशिक्षण उन्हें बिहान के माध्यम से ग्वालियर के प्रशिक्षित ट्रेनर के माध्यम से दिया गया। सेनेटरी पैड का प्रशिक्षण लेने और नियमित पंचसूत्र का पालन करने के बाद एनआरएलएम योजना के माध्यम से उन्हें बैंक लिंकेज कराकर 2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी गई। इससे सेनेटरी पैड की मशीन एवं पैड बनाने का सामान खरीदा। उन्होंने तकरीबन 1 लाख से ऊपर सेनेटरी पैड का निर्माण कर आमदनी प्राप्त की। जिसका कुछ हिस्सा बैंक के लोन चुकाने एवं कुछ पैसे का उपयोग परिवार की खर्च के लिए करती हैं।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल का कहना है कि महिलाओं के कार्य की सराहना की जा रही है। उन्हें एनआरएलएम योजना के माध्यम से हर संभव मदद चाहे वह प्रशिक्षण की हो या फिर बैंक के माध्यम से लोन दिलाने की।
[su_heading]इन्हें भी देखें…[/su_heading]
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