बीमा अवधि में ही धारक की मृत्यु होने के बाद भी पर्सनल लोन की राशि समायोजित नहीं करने पर उपभोक्ता फोरम ने सुनाया फैसला, देखिए क्या दिया आदेश…

 
 
 
 
 
जांजगीर-चाम्पा. बीमा अवधि में ही धारक की मृत्यु होने के बाद भी पर्सनल लोन की राशि समायोजित नहीं करने पर उपभोक्ता फोरम ने एस बी आई लाइफ इंश्योरेंस को 8 लाख 89 हजार रुपए जमा कराने के साथ ही 10 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय स्वरूप 3000 हजार रुपए एक माह के भीतर आवेदक को भुगतान करने का फैसला सुनाया है।
अकलतरा तहसील के ग्राम बम्हनीन निवासी श्रीमती शुकवारा टंडन के पति अजय पाल का भारतीय स्टेट बैंक के अकलतरा शाखा में खाता है। उक्त खाते में अजय पाल ने 9 लाख 40 हजार रुपए पर्सनल लोन लिया था और एस बी आई लाइफ इंश्योरेंस द्वारा बीमा कराया था। अजय द्वारा पर्सनल लोन नियमित भरी जा रही थी। इसी बीच अजय की मृत्यु हो गई। अजय की मृत्यु के बाद बैंक द्वारा पर्सनल लोन की रकम चुकाने उसकी पत्नी को नोटिस जारी किया गया। नोटिस के जवाब में श्रीमती शुकवारा ने बीमा की रकम से लोन चुकता करने की बात कही लेकिन बैंक द्वारा ऐसा नहीं किया गया। मामले को श्रीमती शुकवारा ने उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत किया, जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन सदस्य मनरमण सिंह तथा मंजुलता राठौर ने एस बी आई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी करना पाया। फोरम द्वारा एस बी आई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को एक माह के भीतर पर्सनल लोन की बचत रकम 8 लाख 89 हजार रुपए खाते में समायोजित करते हुए आवेदक को 10 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय स्वरूप 3000 रुपए भुगतान करने का फैसला सुनाया।



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