लॉकडाउन में मनरेगा से मिला ग्रामीण मजदूरों को सहारा, 46 हजार 423 मजदूरों को मिला स्थानीय स्तर पर रोजगार, 347 ग्राम पंचायतों में 1155 कार्य प्रारंभ

जांजगीर-चांपा. कोविड-19 के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए लाक डाउन के कारण करीब एक माह से रोजगार से वंचित 46,423 ग्रामीण मजदूरों को  मनरेगा में कार्य शुरू होने से अब स्थानीय स्तर पर प्रर्याप्त काम मिलना शुरू हो गया है। कलेक्टर जेपी पाठक के मार्गदर्शन में जिले में केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जिले की 347 ग्राम पंचायतों में 1155 विभिन्न कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। इन कार्यों के प्रारंभ हो जाने से जिले के 46 हजार 423 ग्रामीण मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोज काम मिल रहा है।
राज्य शासन द्वारा लाक डाउन की स्थिति  में मनरेगा के तहत उनके गांव के पास ही श्रमिकों को काम उपलब्ध कराना एक बड़ी उपलब्धि है।
कार्यस्थल पर मौजूद मेट के द्वारा प्रत्येक मजदूर को फिजिकल डिस्टेंसिंग, स्वच्छता, मुंह ढकने और संक्रमण रोकने मास्क उपयोग शारीरिक स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंस के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।
कलेक्टर जेपी पाठक के मार्गनिर्देशन में जिले के सभी 09 विकासखंड के ग्रामीणों को उनकी  मांग के अनुरूप  मनरेगा में काम उपलब्ध कराया जा रहा है। लाकडाउन के दौरान भी सावधानी के साथ घर से निकलने  का अवसर मजदूरों को मिल रहा है।
मनरेगा के तहत स्थानीय स्तर पर समुदाय को रोजगार के अवसर के साथ ग्रामीण इलाकों का विकास करना है। जैसे-तालाब गहरीकरण, सड़कों, नहरों, बांधों का निर्माण, मरम्मत, तटबंधों, जल संरक्षण आदि कार्यों के माध्यम से ग्रामीण लोगों के लिए कार्य उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण लोगों के लिए उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
मनरेगा कार्यक्रम के तहत जिले में ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 347 ग्राम पंचायतों में 1155 काम प्रारंभ किए गए हैं। इसमें 46 हजार 423 अकुशल मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है । लाकडाउन के दौरान जिले में 323.48 लाख रूपए का मजदूरी भुगतान हुआ है।
पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोहका में नया तालाब गहरीकरण के कार्य में इसी पंचायत के करीब 207 मजदूरो को रोजगार मिला है। बम्हनीडीह विकासखण्ड के ग्राम कड़ारी में किसान तालाब गहरीकरण कार्य में 70 ग्रामीणों को कार्य में संलग्न किया गया हैै। सरकार द्वारा मजदूरी 190 रूपए प्रतिदिन निर्धारित है। मनरेगा प्रभारी और सहायक परियोजना अधिकारी कार्यो का निरीक्षण के साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं बार-बार हाथ धुलाई के निर्देशों का पालन करवा रहे हैं।



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