जिला स्तरीय प्रभारी अधिकारी क्वारंटीन सेंटर में अपने कर्तव्यों का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें : कलेक्टर, जहां भी कोविड-19 के पॉजिटिव केस मिलेंगे, वहां 28 दिनों की क्वॉरंटाइन पीरियड रहेगी

जांजगीर-चाम्पा. कलेक्टर जेपी पाठक ने कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण और बचाव के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, क्वारंटीन सेंटर में निर्देशों का गंभीरता पूर्वक पालन सुनिश्चित करने कहा है।
कलेक्टर ने कहा है कि निर्देशानुसार कार्यवाही में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कमी पाई जाने पर जिला स्तरीय प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह माना जाएगा।
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कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आज इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर ने कहा है कि जिले में करीब एक हजार 600 क्वॉरंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जहां जिले में बाहर प्रांतों से मजदूरों का आगमन जारी है। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 13 हजार प्रवासी मजदूर जांजगीर जिले के क्वारंटीन सेंटर में रखे जा चुके हैं। कलेक्टर ने कहा है कि क्वारेंटीन सेंटर में पूरी सूरक्षा के साथ निर्देशित व्यवस्थाए स्वच्छता, भोजन और शाररिक दूरी आदि सुनिश्चित करने का दायित्व जिला स्तरीय अधिकारियों का होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने क्षेत्र के क्वारेंटीन सेंटर का लगातार जांच करें और किसी भी प्रकार की समस्या हो तो शीघ्र अधिकारियों को सूचित करें। उन्होंने छोटे बच्चों ,गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए पृथक से दूसरे कक्ष में क्वारंटीन की व्यवस्था करने को कहा।
कंटेनमेंट घोषित क्वारेंटीन सेंटर में प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन हो:-
कलेक्टर ने जिले में पाये गये 11 पॉजिटिव कोविड-19 वाले क्वारंटीन सेंटर के ग्रामों को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया है। इनमें सक्ती तहसील के जेठा, चांपा तहसील के ग्राम खपरीडीह, जांजगीर तहसील के खोखरा और ग्राम बनारी तथा नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक-12 शामिल हैं। इन ग्रामो में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। यहां स्वच्छता, शारीरिक दूरी, भोजन सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं सुरक्षित रूप से सुनिश्चित करने कहा गया है।
कलेक्टर ने क्वारंटीन किए गए प्रत्येक व्यक्ति से शपथ पत्र भरवाने तथा उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने कहा। कलेक्टर ने कहा कि जहां भी कोविड-19 के पॉजिटिव केस मिलेंगे, वहां 28 दिनों की क्वॉरंटाइन पिरीयड रहेगी। सामान्य क्वॉरेंटाइन सेंटर वाले लोगों 14 दिन तक सेंटर में रहना अनिवार्य होगा। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों से कहा है कि वे अपने प्रभार वाले प्रत्येक ग्राम में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने मुनादी कराएं।
प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेंटर में क्षेत्र के अधिकारियों का मोबाइल नंबर अंकित हो
कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि वे प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेंटर में क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ और थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित कराएं। ताकि आवश्यकता अनुसार किसी कार्य के लिए इन अधिकारियों से तत्काल संपर्क किया जा सके और समस्या का त्वरित निराकरण हो सके। कलेक्टर ने कहा कि इन क्षेत्रों में पॉजिटिव व्यक्ति का विवरण, काॅन्टेक्ट हिस्ट्री आदि का पता सर्वप्रथम लगाना जरूरी है ताकि संबंधित व्यक्ति पर सतत् नजर रखी जा सके। कोविड-19 का लक्षण दिखने पर उनका तत्काल सैंपल और टेस्ट की कार्यवाही की जा सकें। कलेक्टर ने कहा कि संक्रमण के चेन को तोड़ने से ही इसेे रोकने में सफलता मिल सकेगी।
संक्रमण फैलाने वाली गतिविधियां रोकें
पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में परिवारजनों द्वारा भोजन शराब लेकर आने जैसी गतिविधियां रुकनी चाहिए। क्वॉरंटीन किए गए सभी व्यक्ति सेंटर में ही उपस्थित रहे यह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर निकलना और बाहर के किसी भी व्यक्ति का क्वॉरेंटाइन सेंटर में आना अपराध है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की कमी के कारण ऐसी गतिविधियों की निगरानी के लिए वॉलिंटियर नियुक्त किए गए हैं।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ तीर्थराज अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम, संयुक्त कलेक्टर सचिन भूतड़ा, सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे ।



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