जांजगीर-चाम्पा. चन्द्रपुर में 25 जुलाई को लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे पटवारी से मारपीट और गाली-गलौज के मामले में पुलिस ने 6 आरोपी व्यापारियों को गिरफ्तार किया है. मामले में हफ्ते भर बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर राजस्व पटवारी संघ ने अल्टीमेटम दिया था और प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी वर्मा समेत अन्य पदाधिकारियों का जांजगीर दौरा हुआ था.
खबर सीजी न्यूज ने भी पटवारी संघ की आरोपी व्यापारियों की गिरफ्तारी करने की मांग सम्बन्धी खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था. मामले को लेकर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और बिलासपुर आईजी को भी ट्वीट किया था.
राजस्व पटवारी संघ में आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने 6 आरोपी व्यापारियों रघुवीर वैष्णव, रणजीत वैष्णव, दीपक उर्फ रिंकू गुप्ता, गोपाल अग्रवाल, योगेश अग्रवाल और किशन सारथी की गिरफ्तारी की है. मामले के अन्य आरोपी की गिरफ्तारी शेष है.
चन्द्रपुर टीआई कमल महतो ने बताया कि 25 जुलाई को घटना की रिपोर्ट के बाद आईपीसी की धारा 188, 186, 353, 147, 149 और धारा 3 महामारी अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज किया गया था. इधर, 2 अगस्त को 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई.
छोटी कार्रवाई पर फ़ोटो सेशन, बड़ी कार्रवाई में आरोपियों को संरक्षण ?
जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली इस मामले में सवालों के घेरे में है कि छोटी कार्रवाई में आरोपियों की तस्वीर के साथ बकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है, लेकिन बड़ी कार्रवाई में रसूखदारों को संरक्षण देते हुए तस्वीर जारी नहीं की जाती. चन्द्रपुर में 6 आरोपी व्यापारियों की गिरफ्तारी हुई तो आरोपियों की फ़ोटो जारी नहीं की गई, जबकि कुछ लीटर शराब की जब्ती हो जाती है या दूसरे छोटे मामलों में कार्रवाई होती है तो प्राथमिकता से फ़ोटो सेशन कर प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है, लेकिन चन्द्रपुर के बड़े मामले में पुलिस द्वारा आरोपी व्यापारियों की तस्वीर जारी नहीं की गई. जाहिर सी बात है कि आरोपी व्यापारियों को संरक्षण दिया जा रहा है. पटवारी से मारपीट करने वाले आरोपी व्यापारियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही थी, लेकिन राजस्व पटवारी संघ का दबाव बढ़ा और उच्च अधिकारी तक बात पहुंची तो हफ्ते भर बाद आरोपियों की गिरफ्तारी करने की कार्रवाई की गई.
प्रेस विज्ञप्ति और तस्वीर जारी नहीं करने का अभी हाल ही में सक्ती में भी मामला आया था. जुआ की कार्रवाई में बड़े रसूखदार दबोच लिए गए, लेकिन जुआ के आरोपियों की तस्वीर जारी नहीं की गई, जबकि जांजगीर में 1 दिन पहले जुआ खेल रहे कर्मचारियों का सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा फोटो सेशन किया गया था. यहां तक 151 की कार्रवाई भी की गई, लेकिन सक्ती के जुआ मामले में केवल जुआ एक्ट की कार्रवाई की गई. इस तरह कानून और नियमों को ठेंगे पर रखने, रसूखदारों को संरक्षण देने को लेकर जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. लोगों में भी पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली की जमकर चर्चा है.