जांजगीर-चाम्पा. पामगढ़ क्षेत्र के चेउडीह के मोड़ के पास सड़क में मवेशी से बाइक सवार नाबालिग लड़का टकरा गया और सड़क पर गिर गया. हादसे में लड़के को गंभीर चोट आई और उसे परिजन सिम्स बिलासपुर लेकर जा रहे थे, तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया.
…कहां है सरकार का रोका-छेका अभियान ?
सरकार ने रोका-छेका अभियान चलाया और कुछ दिनों की मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद सरकार जैसे इस अभियान को भूल गई है. नतीजा, यह है कि सड़कों पर मवेशियों का कब्जा है और गोठान खाली है. सरकार द्वारा सड़क पर बैठने और आवारा घूमने वाले मवेशियों को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसके कारण पशुपालक भी मनमानी पर उतर आए हैं और वे मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं. कार्रवाई नहीं होने से यह समस्या और बढ़ गई है. सरकार, कार्रवाई करती तो सड़क पर आवारा मवेशी नहीं रहते और ना ही मवेशियों से टकराकर हादसे होते. लोगों की जान जा रही है, लोगों को चोट लग रही है, जिसका वे दंश झेलने मजबूर हैं, इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ? मवेशियों के कारण सड़क पर लगातार हादसे हो रहे हैं और यह सरकार को भी पता है, फिर भी सरकार आंख मूंदे बैठी है और प्रशासन के अधिकारियों को भी रोका-छेका अभियान से कोई मतलब नहीं रह गया है, जिसके कारण लोग, असमय ही काल की गाल में समा रहे हैं, लेकिन किसी के घर का चिराग बुझे, इसकी फिक्र किसी को नहीं है ?