जांजगीर-चाम्पा. छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग रासेयो प्रकोष्ठ, अटल बिहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर व चैतन्य कॉलेज पामगढ़ के सयुंक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वीं जन्म वर्ष के समापन कार्यक्रम श्रृंखला में 4 सितम्बर को एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार ठोस अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन तथा कचरा मुक्त भारत के विषय में वेबिनार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।जिसमें भारत के लगभग सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों समेत भारत के बाहर के नौ देशों के प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता प्रदान की।
कार्यक्रम के मुख्य अभ्यागत प्रो.जी.डी. शर्मा कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी वि.वि. बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग के राज्य रासेयो अधिकारी एवं पदेन उपसचिव डॉ. समरेंद्र सिंह थे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर विवेक जोगलेकर ने सभी अतिथियों व श्रोत विशेषज्ञों का स्वागत किया व वेबिनार का परिचय व जानकारी प्रदान की।
अतिथियों का आयोजक मंडल की ओर से औपचारिक स्वागत करते हुए मनोज कुमार सिन्हा विवि रासेयो प्रकोष्ठ ने राष्ट्रीय वेबिनार के विषय की जानकारी देते हुए विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
चैतन्य महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने स्वागत करते हुए कहा कि संकट काल मे इस तरह का आयोजन होना अद्भुत तो है ही, बल्कि वेस्ट मैनजमेंट व प्रबंधन कर कचरा मुक्त भारत के सपनो को साकार करने की आवश्यकता है. प्राचार्य डॉ. शरद.के वाजपेयी ने आयोजन को सराहते हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर चर्चा की।
इस बीच प्रथम वक्ता के रूप में डॉ. समरेंद्र सिंह ने श्रोताओं और स्वयं सेवकों से कहा कि सबसे पहले मानसिक रूप से प्रदूषण मुक्त हो तथा पर्यावरण संतुलन,स्वच्छता, जैवविविधता तथा पृथ्वी की रक्षा के लिए सकारात्मक दिशा में कार्य करें। यह राष्ट्रीय वेबिनार इस दिशा में विश्विद्यालय व चैतन्य महाविद्यालय पामगढ़ का प्रशंसनीय प्रयास है. उन्होंने रायगढ़ के रासेयो स्वयंसेवक तेजराम सारथी के बारे में चर्चा की, जिसने जनसहयोग से छह किलो प्लास्टिक के बदले, पाँच किलो चांवल का महाअभियान चलाकर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का परिचय दिया है.
मुख्य अतिथि प्रो जी.डी.शर्मा कुलपति बिलासपुर ने कहा कि जागरूकता, जनसहभागिता, वैज्ञानिक ज्ञान तथा सरकार की इच्छाशक्ति से ही ठोस अपशिष्ट पदार्थों का समुचित प्रबंधन सम्भव हो सकेगा, जिससे कचरा मुक्त भारत की परिकल्पना साकार हो सकेगा. समुचित सफलता के लिए जन सहभागिता जरूरी है. आम जनता में जागरूकता लाने स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. मानवीय जरूरत बढ़ने के साथ ही भारत मे प्रति व्यक्ति घरों से18 किलोग्राम कचरा गाबरेज भी बढ़ रहा है. पूरे देश मे 70 मिलियन टन के बराबर कचरा गाबरेज निकलता है जिसका 20 प्रतिशत उपयोग होता है.
10 प्रतिशत का प्रबंधन व 70 प्रतिशत अनुपयोगी रह जाता है. इसके प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक ज्ञान तथा उसकी व्यवहारिक प्रक्रिया एवं सुशासन की नीतियों के निर्माण की आवश्यकता है इन्वेंटरी आफ वेस्ट मैनेजमेंट तथा रिसाइकिल मैनेजमेंट इसकी सफलता के लिए अति आवश्यक है. उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन योजना की तारीफ करते हुए बताया कि यह योजना सन्सटेनेवल डेव्हलपमेंट की दिशा में युगांतकारी कदम है.
सीएसआईआर नीरी नागपुर के मुख्य वैज्ञानिक विभागाध्यक्ष व प्रो.डॉ. अतुल नारायण वैध ने म्युनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट इन इंडिया पर विस्तृत व्याख्यान दिया उन्होंने कहा कि तकनीकी , वैज्ञानिक तथा आर्थिक विकास के साथ -साथ वेस्ट का भी वॉल्यूम बढ़ता है, विकसित देशों के नागरिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 3000 रुपये प्रतिमाह टैक्स या जनसहयोग करते हैं, भारत में स्थिति दूसरी है, स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता व शिक्षा पर टैक्स लगाया गया, परन्तु जनसहयोग व जागरूकता के अभाव में डिस ऑर्डर को आर्डर में लाना असम्भव तो नही परन्तु कठिन है, यह कार्य जनता के लिए प्राथमिक कर्तव्य के साथ साथ अत्यावश्यक है, भारत मे एस.एल .एम. रूल्स 2016 लागू है, इसके अंतर्गत सॉलिड वेस्ट , इलेक्ट्रानिकल वेस्ट, रसायन वाले वेस्ट, सीएन्ड डी व बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण लागू होता है.
हमें इनवायरमेंट फेंडली होना चाहिए, यदि हम पर्यावरण की रक्षा नही करेंगे तो प्रकृति खुद की रक्षा करना शुरू कर देगी, जिसका परिणाम आप डिजास्टर के रूप में देख ही रहें है. डॉ. श्रीमती गरिमा तिवारी सहायक प्राध्यापक वानिकी विभाग गुरु घासीदास केंद्रीय विवि बिलासपुर ने अरबन फारेस्ट्री, फारेस्ट कंजर्वेशन तथा अपने लॉइफ स्टाइल में बायो डिग्रेडेबल आइटम के प्रयोग पर बल दिया. महात्मा गांधी रूरल डेवलपमेंट कौंसिल हैदराबाद के चेयरमेन डॉ. डब्ल्यू.जी. प्रसन्ना कुमार ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक हम सॉलिड वेस्टर के क्रियेटर है, हमारे समाज को इनवायरमेंट क्लीनलीनेस सेंसेटाइज्ड होने की आवश्यकता है, हमें सभी संसाधनों का समुचित उपयोग करना चाहिए, स्वयं करें, अध्ययन करें, अर्न करें पर बल देना होगा.
व्याख्यानों का सार वाचन प्रो. बी .के. पटेल रासेयो जिला संगठक तथा डॉ. गरिमा तिवारी ने किया. महाविद्यालय के रासेयो कार्यकम अधिकारी व सहायक प्राध्यापक संजय बघेल एवं डॉ. नरेन्द्रनाथ गुरिया ने सभी का आभार प्रकट किया.
इस वेबिनार के आयोजन में देश विदेश के 4500 से भी अधिक प्रतिभागियों ने यूट्यूब, गुगल चैट ऑनलाइन के माध्यम से सहभागिता निभाई.