जांजगीर-चाम्पा. जिले में कृषक चेतना मंच के बैनर तले किसानों ने रबी फसल के लिए 1 जनवरी से 30 अप्रेल तक नहर से सिंचाई के लिए पानी देने प्रशासन से मांग की है. किसानों ने रबी फसल के लिए पानी देने की मांग को लेकर नवागढ़ क्षेत्र के हरदी गांव में बैठक भी की और रणनीति बनाई. इस बैठक में क्षेत्र के अनेक गांवों के किसान शामिल हुए.
जिले में हर साल की तरह धान की फसल के लिए नहर से पानी देने, प्रशासन फैसला नहीं लेता तो किसानों ने आंदोलन की बात कही है. किसानों ने अभी 20-25 अक्टूबर तक खरीफ के लिए नहर से पानी देने की भी मांग की है.
दरअसल, जिले में व्यापक पैमाने पर धान की खेती होती है. जिले में खेतों की मिट्टी, धान के लिए ही ज्यादा उपयुक्त है, इसलिए अधिकतर किसान धान की फसल लेते हैं.
इस बीच प्रशासन द्वारा फसल चक्र का हवाला देकर किसानों को धान के बजाय, दूसरी दलहन-तिलहन की फसल लेने की बात कही जा रही है. इससे किसानों में नाराजगी है और उनका कहना है कि प्रशासन, दबाव ना बनाएं, किसान को जिस फसल में लाभ होगा, वही फसल लेगा. किसानों का कहना है कि प्रशासन दबाव बनाएगा तो आंदोलन की स्थिति बन जाएगी.
कृषक चेतना मंच के संयोजक राजशेखर सिंह ने कहा कि जिले के किसान, रबी में धान की फसल लेने के पक्षधर हैं, जबकि प्रशासन फसल चक्र का हवाला देकर दलहन-तिलहन की खेती करने की बात कह रहा है. इससे किसान अंसतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पर हर साल रबी के लिए नहर से पानी दिया जाता है और किसान अपने हिसाब से फसल लेता है. हालांकि, अधिकतर किसान धान की फसल लेते हैं, इसलिए 1 जनवरी से 30 अप्रेल तक रबी फसल के लिए नहर से पानी देने की मांग किसानों ने की है. उन्होंने यह भी प्रशासन से मांग की कि अभी खरीफ की फसल के लिए किसान हित में नहर से और 15 दिन पानी देने की मांग की है.