रबी फसलों के लिए 1 जनवरी से मिलेगा नहरों से पानी, रबी वर्ष 2020-21 में 1 लाख 20 हजार 137 हेक्टेयर में होगी खेती

जांजगीर-चांपा. जिले मे रबी फसल के लिए नहरों से पानी आगामी 1 जनवरी से छोड़ा जाएगा। जिसे 30 अप्रेल 2021 के बाद बंद किया जाएगा। कलेक्टर यशवंत कुमार ने कृषकों की मांग पर 15-15 दिनों के अंतराल मे नहरों से पानी छोड़ने के निर्देश सिंचाई विभाग को दिए हैं। कलेक्टर ने किसानों से अपील कर कहा कि वे धान के स्थान पर लाभदायक दलहन तिलहन की खेती करें।
कलेक्टर श्री यशवंत कुमार की अध्यक्षता में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आज आनलाईन गूगल मीट एप्स के माध्यम से आयोजित की गयी।
कलेक्टर ने बैठक मे बताया कि जिले में खरीफ वर्ष 2020 मे क्षेत्राच्छादन 2,58,670 हेक्टेयर, उर्वरक वितरण 84,000 मे. टन एवं 1,38,898 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है। जो निर्धारित लक्ष्य से 2 प्रतिशत अधिक है।
जिले में खरीफ में खाद, बीज एवं अन्य आदान कृषकों की मांग के अनुसार उपलब्ध कराया गया।
कलेक्टर ने कहा कि रबी वर्ष 2020 के सिचाई के लिए बांध मे 85 प्रतिशत सिचाईं जल उपलब्ध है। जिले मे रबी की खेती हेतु 1,20,137 हेक्टेयर का कार्यक्रम प्रस्तावित है। जिसमें गेहूं 16,230 हेक्टेयर, मक्का 1,850 हेक्टेयर गीष्म धान 8,430 हेक्टेयर, चना 12,700 हेक्टेयर, मूंग 1,519 हेक्टेयर, मटर 2,820 हेक्टेयर, उडद 1216 हेक्टेयर , तिवडा 41,000 हेक्टेयर, राई-सरसो 12,300 हेक्टेयर , अलसी 12,000 हेक्टेयर, कुसुम 640 हेक्टेयर, सूर्यमूखी 310 हेक्टेयर, मूंगफली 1,845 हेक्टेयर एवं अन्य साग सब्जी की 8,250 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलो की खेती की जाएगी। इस संबंध मे आवश्यक तैयारी के लिए कृषि एवं सिचाई विभाग के अधिकारीयों को निर्देश दिए गए ।
कलेक्टर ने कृषकों से अपील करते हुए कहा कि धान के बदले दलहन तिलहन की फसल की खेतीे अधिक लाभदायक होती है। धान की तुलना मे दलहन तिलहन मे कम पानी की आवश्यकता होती है। कृषक धान के बदले अन्य फसल दलहन-तिलहन, रबी अनाज फसल की खेती करें तो रबी फसल के रकबे में वुद्धि होगी।
रबी सिंचाई की व्ययस्था मनरेगा के तहत सिचांई नाली निर्माण कार्य का जिम्मेदरी कृषि एवं सिचाई विभाग को दिया गई‌ इस कार्य हेतु प्रत्येक ग्रामवार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं सिचाई विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जो कृषकों से सलाहकर उनके खेत में मनरेगा योजना के तहत सिचाई नाली निर्माण कार्य हेतु कार्य योजना बनाऐगा जिससे नहर के पानी का खुली सिंचाई से होने वाले जल हानि को रोका जा सकता है। माइक्रो नाली के माध्यम से सिंचाई करने पर सिंचाई जल का उपयोग बढ जावेगा जिससे रबी फसल के क्षे़त्राच्छादन मे वृद्वि होगी।
रबी फसल वर्ष 2020 हेतु नहर से पानी 1 जनवरी 2021 को छोडा जावेगा जिसे 30 अप्रेल के बाद बंद कर दिया जाएगा। संचालक कृषि श्री एम.आर. तिग्गा ने आनलाईन से जुडे़ जन प्रतिनिधियो एवं कृषकों को अवगत कराया कि जिले में खरीफ वर्ष 2020 मे अच्छी फसल उत्पादन होने की संभावना है एवं रबी वर्ष 2020 मे खाद एवं बीज की उपलब्धता किसानो के मांग अनुसार किया जा रहा है। रबी वर्ष 2020-21 में 1,20,137 हेक्टर में खेती हेतु कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
सांसद गुहाराम अजगले, विधायक रामकुमार यादव, केेेशव चंद्रा, श्रीमती इंदू बंजारे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती यनिता यशवंत चंद्रा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तीर्थराज अग्रवाल, प्रगतिशील कृषक सर्व दुष्यंत सिंह, व्यास कश्यप, राजशेखर सिंह, संदीप तिवारी, रामप्रकाश केशरवानी, श्रीमति सुशीला गबेल एवं अन्य कृषक सदस्य आनलाईन बैठक में शामिल हुए।



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