जांजगीर-चांपा. कहते हैं कि एक महिला अगर मजबूत होगी तो पूरा परिवार, समाज, और देश-प्रदेश सभी मजबूत होंगेे। यही मजबूती महिलाओं की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में भी देखने मिल रही है। महात्मा गांधी नरेगा में जहां वे तालाब गहरीकरण से लेकर आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन बनाने में योगदान दे रही हैं, तो दूसरी ओर स्व सहायता समूह बनाकर आजीविका संवर्धन की दिशा में मजबूती के साथ खड़ी हुई है। यहीं नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में महिलाओं की भूमिका प्रखर रूप में उभरकर सामने आ रही है। जिसके चलते गांव का विकास तेजी के साथ हो रहा है। इसमें महिलाओं की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। 8 मार्च 2021 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी महिलाओं और उनके जज्बे का सम्मान करते हुए उनके हौंसले को सलाम करते हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। महिलाओं की हर क्षेत्र में सहभागिता बढ़ी है। प्रदेश एवं केन्द्र सरकार योजनाओं में महिलाओं की बेहतरी के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है।
कोरोना काॅल में मजबूती से बढ़ाए कदम
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब लाॅकडाउन लगाया गया तो इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं से जुड़ी महिलाओं ने फाइटर्स की तरह कार्य किया। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए दिन-रात एक करके माॅस्क तैयार किए और गांव-गांव में वितरित भी किए। कोरोना काॅल में जब मनरेगा का काम शुरू हुआ तो महिलाओं ने इसमें अपनी हिस्सेदारी निभाई। तो वहीं स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी महिलाओं ने स्वच्छता की दिशा में घर-घर जाकर साफ-सफाई की व्यवस्था को संभाला।
विकास कार्यों में बढ़ी सहभागिता
गोठानों में महिला स्व सहायता समूहों की सहभागिता लगातार बढ़ रही है। गोठान में मल्टी एक्टिविटी कार्यों को करते हुए आमदनी अर्जित कर रही है। जिले की 246 गोठानों में महिला समूहों द्वारा गोबर के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। इससे उनको आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। महात्मा गांधी नरेगा में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1 लाख 79 हजार 168 महिलाओं ने कार्य करते हुए 33 लाख 65 हजार 62 मानव दिवस का रोजगार प्राप्त किया। मनरेगा के कार्यों में तालाब गहरीकरण से लेकर आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, पीडीएस गोदाम हो या फिर सड़क मार्ग का निर्माण, सभी कार्यों में महिलाओं की भूमिका किसी से छिपी नहीं है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से महिलाएं ऋण लेकर अपने स्व सहायता समूह को सशक्त बना रही है। जिले में 8 हजार 977 स्व सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं। योजना के माध्यम से बैंक से लिंकेज करते हुए मिलने वाली इस राशि का उपयोग समूह को मजबूत बनाने के लिए कर रही है।
इससे होने वाली आमदनी से परिवार आर्थिक रूप से सृदृढ़ हो रहे हैं। इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत महिलाओं के द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन, ओडीएफ, माहवारी प्रबंधन, पर न केवल ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं अपितु ठोस अपशिष्ट को घर-घर जाकर केन्द्र में संग्रहण का कार्य कर रही हैं।