ऐतिहासिक भीमा तालाब के तट पर विराजे भगवान भैरव बाबा, पंचमुखी हनुमान और शनिदेव के प्रति भक्तों में असीम आस्था, मंगलवार और शनिवार को उमड़ती है श्रद्धालु की भीड़

जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर में ऐतिहासिक भीमा तालाब के तट पर एक ही परिसर में विराजे भैरव बाबा मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर और शनिदेव मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं और आज इस पौराणिक स्थल की पहचान आस्था के केंद्र के रूप में बन गई है.
यहां सबसे पहले भैरव बाबा का प्राचीन मंदिर था. इस मंदिर का पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यता है. इसके बाद भैरव बाबा सेवा संस्थान के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया और यहां परिसर में पंचमुखी हनुमान मंदिर और शनिदेव मंदिर की स्थापना की गई.

जांजगीर के पुरातन मंदिर के प्रति भक्तों में काफी आस्था है और मनोकामना पूर्ण करने दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं. भैरव बाबा मंदिर में अखण्ड ज्योति कलश प्रज्ज्वलित है, जिसके दर्शन की बड़ी मान्यता है. यहां मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालु की भीड़ उमड़ती है और वे अपने दुख निवारण के लिए भैरव बाबा, पंचमुखी हनुमान और शनिदेव के दर्शन करते हैं. मंदिर में रोजाना खिचड़ी के प्रसाद का सुबह-शाम वितरण किया जाता है और श्रद्धालु भी श्रद्धा स्वरूप, खिचड़ी और खीर बंटवाते हैं.

मंदिर में सुबह-शाम भक्तिमय माहौल होता है और भजन, रामायण, सुंदरकांड, रामचरितमानस का पाठ होता है, जिसमें भक्त लीन रहते हैं और भगवान से ग्रह बाधा दूर करने, मनोकामना पूर्ण करने प्रार्थना करते हैं. भक्तों में असीम आस्था है कि यहां दर्शन करने मनोकामना पूर्ण होती है और मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है.



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