जीएसटी काउंसिल ने साल के अंतिम दिन हुई बैठक में टेक्सटाइल पर बढ़े टैक्स को वापस लेने का फैसला किया. इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि जूते-चप्पल पर बढ़े टैक्स को वापस नहीं लिया गया और न ही जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव हुआ.
नए साल में महंगे होंगे जूते-चप्पल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में आज यहां जीएसटी काउंसिल (GST Council) की अहम बैठक हुई. पहले यह बैठक जनवरी में होने वाली थी. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में एक हजार से नीचे के रेडीमेड कपड़े और जूते पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया था. आज की बैठक में रेडीमेड कपड़ों पर बढ़ाए गए टैक्स को वापस ले लिया गया. हालांकि एक हजार से नीचे के जूते-चप्पल पर एक जनवरी से पांच के बजाय 12 फीसदी टैक्स लगेगा.
अगली बैठक में घटाए जा सकते हैं स्लैब
इंडस्ट्री को जीएसटी प्रणाली सिंपल बनाने की दिशा में किसी बड़े फैसले की भी उम्मीद थी. ऐसा माना जा रहा था कि आज की बैठक में स्लैब घटाए जा सकते हैं. जीएसटी काउंसिल ने बैठक में 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाए जाने पर चर्चा तो की, लेकिन इस पर फैसला नहीं लिया जा सका. अब जूते-चप्पल पर टैक्स कम करने और दो स्लैब को आपस में मिलाने के बारे में काउंसिल की अगली बैठक में विचार किया जाएगा.
तीन बजे वित्त मंत्री का प्रेस कांफ्रेंस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस करने वाली है. प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री बैठक में लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी देंगी. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त राज्य मंत्री Bhagwat Karad और मंत्रालय के अन्य बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया. कई राज्यों के वित्त मंत्री भी बैठक में मौजूद रहे. इससे एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पर चर्चा की थी.
बढ़े टैक्स की वापसी के पक्षधर थे विपक्षी दल
बैठक से ठीक पहले विपक्षी दलों ने भी सरकार से जीएसटी दरें (GST Rate) बढ़ाने के पिछली बैठक के फैसले को टालने की मांग की है. पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कपड़े और जूतों पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को वापस लेने की अपील की है. तेलंगाना के उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने भी इस फैसले पर सरकार से विचार करने की मांग की है.