सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, काडर नियमों में परिवर्तन पर जताया विरोध

रायपुर. अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के अधिकारियों की सेवा संबंधी नियमों में प्रस्तावित संशोधन को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। सीएम बघेल ने केंद्र सरकार के काडर नियमों में परिवर्तन के प्रस्ताव का विरोध जाया है। आपको बता दें कि इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्यों से अभिमत मांगा था।



सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘भारत सरकार द्वारा हाल ही में अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में संशोधन प्रस्तावित करते हुए उन संशोधनों पर राज्य सरकारों से अभिमत मांगा है। प्रस्तावित संशोधन केन्द्र सरकार को अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की पदस्थापना के अधिकार, एकपक्षीय रूप से बिना राज्य सरकार अथवा संबंधित अधिकारी की सहमति के प्रदाय करते है, जो कि संविधान में अंगीकृत एवं रेखांकित संघीय भावना के पूर्णतः विपरीत है।

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी मूलतः राज्यों में पदस्थ होते हैं तथा केन्द्र शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित किए जाते हैं। प्रतिनियुक्ति सामान्यतः राज्य सरकार से सहमति उपरान्त की जाती रही है। राज्य सरकारें अपनी प्रशासकीय आवश्यकतानुसार निर्णय लेते हुए केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर सहमति देती रही है।’

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Attack Arrest : डंडे से प्राणघातक हमला करने वाला आरोपी गिरफ्तार, बलौदा पुलिस की कार्रवाई

उन्होंने आगे लिखा कि ‘छत्तीसगढ़ राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी कानून व्यवस्था. नक्सल हिंसा के उन्मूलन, राज्य के सर्वांगीण विकास एवं वनों के संरक्षण सहित विभिन्न महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है। इन संशोधनों के फलस्वरूप अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों में जो कि जिलों से लेकर राज्य स्तर पर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ है. अस्थिरता एवं अस्पष्टता का भाव जागृत होना स्वाभाविक है। इससे उनके द्वारा शासकीय दायित्वों के निर्वहन में असमंजस की स्थिति होगी तथा राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण निष्पक्ष होकर काम करना विशेषकर निर्वाचन के समय निष्पक्ष होकर चुनाव संचालन संभव नहीं होगा जिससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती एवं अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो सकती है।’

‘निकट भविष्य में इन नियमों के दुरुपयोग की अत्यंत संभावना है। पूर्व में हुई कई घटनाओं में अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों को अनावश्यक रूप से लक्षित कर कार्यवाही किए जाने के उदाहरण मौजूद है। पूर्व में राज्य एवं केन्द्र सरकारों के बीच संतुलन एवं समन्वय के लिए वर्तमान नियमों में पर्याप्त प्रावधान है। अतः छत्तीसगढ़ सरकार अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में संशोधन का पुरजोर विरोध करती है एवं मांग रखती है कि पूर्वानुसार काडर नियमों को यथावत रखा जाये।’

इसे भी पढ़े -  JanjgjrChampa Car Accident : अनियंत्रित होकर नाली में उतर गई कार, 3 लोग घायल, सारागांव क्षेत्र का मामला

केंद्र क्या प्रस्ताव दे रहा है?
केंद्र ने प्रस्ताव किया है कि प्रत्येक राज्य केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्ति के लिए विभिन्न स्तरों के पात्र अधिकारियों को मौजूदा नियमों के तहत निर्धारित केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की सीमा तक, राज्य के पास उपलब्ध अधिकारियों की संख्या से आनुपातिक रूप से समायोजित करेगा। डीओपीटी अधिकारियों के अनुसार, प्रस्ताव के तहत एक निश्चित समय में राज्य कैडर की कुल अधिकृत शक्ति के खिलाफ सरकार चार प्रमुख संशोधन करना चाहती है।
पहला संशोधन यह सुनिश्चित करेगा कि यदि कोई राज्य सरकार एक निश्चित समय के भीतर एक राज्य कैडर अधिकारी को केंद्र में पोस्ट करने में देरी करती है, तो “अधिकारी को केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट तिथि से कैडर से मुक्त कर दिया जाएगा।”

दूसरे, यह प्रस्तावित किया गया है कि केंद्र राज्य सरकारों के परामर्श से केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्त किए जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या तय करेगा और राज्य ऐसे अधिकारियों के नामों को पात्र बनाएगा।
तीसरे संशोधन में कहा गया है कि केंद्र और राज्य के बीच किसी भी तरह की असहमति के मामले में केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा और राज्य “एक निर्दिष्ट समय के भीतर” निर्णय को प्रभावी करेगा।

इसे भी पढ़े -  Akaltara News : श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल में मतदाता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

चौथा, प्रस्तावित संशोधन निर्दिष्ट करता है कि विशिष्ट परिस्थितियों में जहां “जनहित” में केंद्र द्वारा कैडर अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है, राज्य सरकारें एक निर्दिष्ट समय के भीतर केंद्र के निर्णयों को लागू करेगी।

error: Content is protected !!