प्रेरणादायक कहानी : बीमारी के कारण काटने पड़े थे हाथ-पैर, अब ऐसे पढ़ाती है यह टीचर… मिसाल बना टीचर का जुनून…

एक प्राइमरी स्कूल टीचर की कहानी आज आपको प्रेरित कर देगी। वैसे आपने सुना होगा कि शिक्षक वो होता है, जो अपने काम से बच्चों को शिक्षा दे… ना कि खोखली बातें करके ही ज्ञान देता रहे। ऐसी है एक टीचर हैं Kath Tregenna, एक बीमारी के कारण वो अपने हाथ-पैर खो चुकी थीं। बावजूद इसके अब वो स्कूल जाती हैं और बच्चों को पढ़ाती हैं। पता है कैसे ? इसके लिए उन्होंने बायोनिक अंग लगवाए हैं।



बुखार के कारण हुआ सब खराब
47 वर्षीय कैथ को दो वर्ष पहले बुखार हुआ था। बुखार इतनी तेज था कि उन्हें अस्पताल दाखिल करवाना पड़ा। इसी दौरान उन्होंने कार्डियक अरेस्ट भी आए। उनके परिवार को डॉक्टर्स ने कहा दिया था कि हो सकता है, वो उन्हें अंतिम बार देख रहे हों।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्टेशन पारा में 45 छात्राओं को दी गई सायकिल, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष टिकेश्वर गबेल, शाला विकास समिति के अध्यक्ष धनंजय नामदेव रहे मौजूद

वो कहती हैं कि उनकी जिंदगी उन्होंने बचाई, जिन्होंने उनकी हालत को देखकर तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया।

जख्म हो गए थे

दरअसल, उनका एक घाव सड़ गया था। जिसका इंफेक्शन पूरे शरीर में ना बढ़ जाए, इसी बात को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर्स ने उनके दोनों पैर और कुहिनी से नीचे के दोनों हाथ काटने पड़े। कई सर्जरी होने के बाद उन्हें महीने तक तो आईसीयू में रहना पड़ा। बीमार होने से पहले वो इंटरनेशनल स्कूल ऑफ लंदन में प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाती थीं।

‘मैं जानती थी कि मैं ठीक होउंगी’

वो कहती हैं, ‘अपनी रिक्वरी के दौरान मुझे इस बात का यकीन था कि एक दिन मैं फिर से क्लासरूम में जाऊंगी और बच्चों को पढ़ाऊंगी।’ इसके बाद कैथ के स्कूलवालों ने उनकी मदद की। उन्होंने उनके लिए फंड रेज किया ताकि वो ओपन बायोनिक अंग लगवा पाएं और फिर से बच्चों को पढ़ा सकें।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : चरौदा और सकर्रा सेवा सहकारी समिति में धान खरीदी का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संयोगिता सिंह जूदेव, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ शुभारंभ, अन्य जनप्रतिनिधि भी रहे मौजूद

अब वो फिर से पढ़ाती हैं

फिलहाल, उन्होंने यह बायोनिक अंग लगवा लिए हैं। उनकी क्लास के बच्चें भी फिर से उन्हें देख काफी खुश हैं। वो कहती हैं, ‘मैं अपनी इन बाजुओं को शुक्रिया कहती हूं जिनके कारण मैं फिर से पढ़ा पा रही हूं, लिख पा रही हूं, फिर से किताबें उठा पा रही हूं। अब वो अपने इन बायोनिक अंग की वजह से बच्चों को फिर से पढ़ा पा रही हैं और बाकी के काम भी कर पा रही हैं।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : पिहरीद और बड़ेसीपत गांव में सेवा सहकारी समिति केंद्रों में धान खरीदी का किया गया शुभारंभ, कार्यक्रम में मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि रहे मौजूद, कहा,'प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति है पूरी तरह संवेदनशील'

error: Content is protected !!