आज बात दुनिया के उस महाठग बर्नी मैडाफ की, जिसने लोगों को चपत लगानी शुरू की तो क्या अमीर..क्या गरीब सभी को लूट लिया। बर्नी ने जिन लोगों को ठगा उनमें हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से लेकर नोबल पुरस्कार विजेता तक का नाम शामिल था। बर्नी की इस पोंजी स्कीम के तहत बड़े बिजनेसमैन से लेकर एक्टर, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, कई फिल्म निर्माता व निर्देशक तक ने पैसा लगाया था।
आंकड़ों के मुताबिक, बर्नी मैडाफ ने करीब 65 मिलियन डॉलर की ठगी की थी। बर्नी की इस पोंजी स्कीम में 130 से अधिक देशों के करीब 37 हजार लोगों ने निवेश किया था। हालांकि, जब उसकी इस करामात का भंडा फूटा तो उसे सजा हुई और जेल में ही रहम की भीख मांगते हुए मर गया। ऐसे में आपको बताते हैं कि कैसे इस ठग ने इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया था?
बर्नी मैडाफ का जन्म 1938 के आसपास न्यूयॉर्क में हुआ था। बर्नी ने 22 साल की उम्र में अपने भाई के साथ शेयर मार्केट से जुड़ी बर्नार्ड एल मैडाफ इन्वेस्टमेंट सिक्योरिटीज फर्म की शुरुआत की। इस फर्म में उसने कुछ सालों की नौकरी करके बचाई गई अपनी जमापूंजी लगाई थी। इसके बाद 60 के दशक के दौरान मैडाफ ने इसी फर्म के माध्यम से पेनी स्टॉक और मध्यम स्तर की कंपनियों के शेयर खरीदने-बेचने शुरू किए। जबकि ये कंपनियां मुख्य स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं थी।
करीब दस सालों तक शेयर मार्केट के दांव-पेंच सीखने के बाद 1970 में उसने एक पोंजी स्कीम तैयार की और लोगों से निवेश कराना शुरू किया। देखते ही देखते इसकी फर्म वॉल स्ट्रीट की सबसे बड़ी फर्मों में से एक हो गई। अब मैडाफ का पूरा परिवार उसके साथ काम करने लगा, लेकिन उसके मकसद को कोई नही जानता था।
शेयर मार्केट में बढ़ते प्रभाव के चलते बर्नी मैडाफ का नाम हो गया। लोग अब उसी की सलाह पर निवेश करने लगे। वह अब लोगों के लिए स्वयंभू फाइनेंस गुरु बन गया, बड़ी-बड़ी हस्तियों ने उसके झांसे में आकर निवेश किया। द सन के मुताबिक, बर्नी के झांसे में आने वालों में जाने-माने फिल्म निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग, एक्टर केविन बेवन, जॉन मल्कोविच, टीवी होस्ट लैरी किंग और नोबल शांति पुरस्कार विजेता एली विसेल तक का नाम शामिल था। यहां तक कि ब्रिटेन का रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड भी उसकी पोंजी स्कीम में पैसा लगा बैठा।
बर्नी ने कई सालों तक अपना फर्जी धंधा जारी रखा। उसका इस धंधे में एक तरीका था कि नया निवेश मिलते ही पुराने निवेशकों का पैसा लौटा दो, पर धंधे में हो रहे जोरदार मुनाफे ने उसे लालची बना दिया। लेकिन साल 2008 की मंदी ने बर्नी मैडाफ को कहीं का नहीं छोड़ा। मंदी आते ही निवेशकों ने सोचा कि वह स्कीम से पैसे निकाल लेंगे पर बर्नी ने वो सारे पैसे आलीशान जिंदगी जीने और अकूत संपत्ति बनाने में खर्च कर दिए थे।
जब निवेशकों ने पैसे लौटाने का दबाव बनाया तो उसने परिवार के सामने सच बोल दिया कि वह इतने दिनों से हजारों लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे बना रहा था। इसके बाद बर्नी के बेटों ने पूरी कहानी पुलिस को बताई, ऐसे में बर्नी मैडाफ को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला कोर्ट में गया तो उसे 150 साल की सजा हुई और सारी संपत्ति जब्त कर ली गई।
सालों चले मामले के बीच मैडाफ के एक बेटे ने आत्महत्या कर ली तो वहीं दूसरे बेटे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वहीं साल 2021 में बर्नी मैडाफ की भी मौत जेल में ही हो गई। उसके वकील ने मौत से पहले कई बार बर्नी की बीमारी का हवाला देकर रिहाई की मांग की थी पर कोर्ट ने मांग को ठुकरा दिया था।