छत्तीसगढ़ : चार जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड, जनपद पंचायत डभरा के सीईओ के विरूद्ध जांच कर दोषी पाये जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत और राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण चार जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए, मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किए हैं कि अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।



सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है। वह विकास की आधारभूत शक्ति है । सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है, जो सूचना दे रहा है. उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएँ, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन, जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इस कानून में शामिल किया गया है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के

लिए यह अधिनियम मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत यशवंत श्रीवास ग्राम पंचायत ठाकुरपाली ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी ठाकुरपाली जनपद पंचायत डभरा जिला जांजगीर- चाम्पा को 15 जुलाई 2020 में आवेदन कर स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली में बनाये गये शौचालय निर्माण और वयय राशि की जानकारी मांगी थी। किन्तु जनसूचना अधिकारी ठाकुरपाली ने नियत समय पर आवेदक को कोई जानाकरी उपलबध नहीं कराई, जिससे व्यथित होकर आवेदक ने प्रथम अपील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डभरा 15 अगस्त 2020 को आवेदन किया, जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 7 सितम्बर 2020 को निर्णय दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन नहीं किया गया और न ही अपीलार्थी को जानकारी दिया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग में किया।

मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने आयोग की सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के उपस्थित न होने ओर जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए जनसूचना अधिकारी द्वारा 6 माह से अधिक समय आवेदक को जानकारी से वंचित रखा गया। जिसके कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत ठाकुरपाली विकासखण्ड डभरा को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।

इसी प्रकार नीलेश, जांजगीर ने ग्राम पंचायत बनारी ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बनारी जनपद पंचायत नवागढ़ जिला जांजगीर-चाम्पा को 10 जुलाई 2018 में आवेदन कर जीपीडीपी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में किये गये कार्य की प्रमाणित छायाप्रति की मांग किया। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नवगढ़ को 24 अगस्त 2018 को आवेदन किया। सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) वर्तमान जनसूचना अधिकारी बनारी ने बताया कि पूर्व जनसूचना अधिकारी ने प्रभार नहीं दिया है, जिसके कारण जानकारी देने में विलंब हुआ। मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने आयोग की सुनवाई में कहा कि डेढ़ वर्ष के विलंब से आवेदक को जानकारी प्रदाय नहीं करना, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों को प्रथम दृष्टया उलंघन को दृष्टिगत रखते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बनारी विकासखण्ड नवागढ़ को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत श्री शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला (जन सूचना अधिकारी) 22 जनवरी 2018 को प्रस्तुत आवेदन में लेखा संधारण अभिलेख एवं अन्य पंजियों के संधारित तथा अद्यतन होने के प्रमाणपत्रों की छायाप्रति की मांग की। आवेदक का वांछित जानकारी समय पर प्राप्त न होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा, के पास 05 मार्च 2018 को प्रथम अपील प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के विनिश्चय से क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया।
एक अन्य प्रक्ररण में अपीलार्थी शरद देवांगन, श्रीराम कालोनी बेलादुला रायगढ़ ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला (जन सूचना अधिकारी) से जिला कोरबा में पदस्थ सहायक शिक्षक (पंचायत), शिक्षक(पंचायत) तथा व्याख्याता (पंचायत), के सूची की सत्यापित छायाप्रति की मांग की। किन्तु वांछित जानकारी समय पर प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है, इसलिए जानकारी दी जानी सभव नहीं है।

राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने आवेदनों का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने पर को गंभीरता से लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला (तत्कालीन जनसूचना अधिकारी) श्री जी के मिश्रा के विरूद्ध धारा 20 (1) के तहत 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड के साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (2) के तहत कलेक्टर कोरबा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को निर्देशित किया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला, वर्तमान जनसूचना अधिकारी, एमएस नागेश के विरूद्ध विभागीय जांच कर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर आयेग को सूचित करें।

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