नई दिल्लीः सोशल मीडिया में हर रोज कई तरह के खबरें वायरल होती रहती है। इन सभी पर विश्वास करना घातक साबित होता है। सोशल मीडिया में इन दिनों यूजीसी की एक आदेश जमकर वायरल हो रहा है। वायरल सर्कुलर में दावा किया गया है कि सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज ऑफलाइन परीक्षाओं का आयोजन करेंगे।



भारत सरकार की नीतियों, कार्यक्रम पहल और उपलब्धियों के बारे में समाचार-पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सूचना देने वाली और फर्जी खबरों की सत्यता जांच करने वाली प्रमुख एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने इस वायरल दावे को फेक करार दिया है। पीआईबी ने कहा है कि यूजीसी ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है।
यूजीसी ने भी किया ट्वीट
यूजीसी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाओं के संबंध में एक सार्वजनिक सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है। इस सूचना के यूजीसी के जारी करने का दावा किया जा रहा है। यूजीसी ने इस तरह के किसी भी नोटिस का खंडन करते हुए साफ कहा है कि ये पब्लिक नोटिस फेक है। यूजीसी ने इस तरह का कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
फर्जी आदेश में किया गया है ये दावा
इस फेक पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि यूजीसी ने कहा है कि सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय में COVID प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए काम कर रहे हैं। ऐसे में अपने (होम सेंटर) घरेलू केंद्रों पर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए जल्द आयोजित होने वाले सेमेस्टर के लिए ऑफलाइन परीक्षाएं ली जा सकती हैं। लेकिन यूजीसी और पीआईबी फैक्ट चेक ने इसे फेक करार दिया है।






