श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए जिन भारतीय खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिली है. उनमें एक नाम रिद्धिमान साहा का भी है. टीम से बाहर होने पर साहा का गुस्सा बाहर आया और उन्होंने खुलासा किया कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के उन्हें रिटायरमेंट लेने को कहा था. साहा ने आगे कहा कि सौरव गांगुली ने भी उनसे झूठा वादा किया था.
24 अक्टूबर 1984 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग राज्य के सिलीगुड़ी में जन्मे रिद्धिमान साहा बचपन में एडम गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते थे. उनके पति प्रशांत साहा ने सिलीगुड़ी लीग में फुटबॉल और क्रिकेट दोनों खेले हैं, लेकिन फाइनेंशियल प्रॉब्लम के चलते, वह अपने खेल करियर को जारी नहीं रख सके. उनकी एकमात्र कमाई पश्चिम बंगाल बिजली बोर्ड में नौकरी से होती है जिसके माध्यम से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. साहा यंग एज में टेनिस बॉल के साथ एक मीडियम पेसर थे. जब से उन्होंने चमड़े की गेंदों से खेलना शुरू किया तब से उन्होंने विकेटकीपिंग शुरू कर दी थी.
क्रिकेट के लिए पढ़ाई छोड़ दी।
दिलचस्प बात यह है कि क्रिकेट कभी भी साहा की पहली पसंद नहीं था. वह हमेशा से F1 ड्राइवर बनना चाहते थे. लेकिन आर्थिक समस्याओं के कारण, उन्हें अपना पहला सपना छोड़ना पड़ा और अब PlayStation उनकी अधूरी इच्छा को पूरा करता है. अपने कॉलेज के दिनों में, साहा ने ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर की परीक्षा देने के बाद, क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया.
साहा के पिता प्रशांत उनकी प्रेरणा और रोल मॉडल हैं. प्रशांत ही नहीं, उनकी मां मैत्रायी ने भी उनका सपोर्ट किया जब उन्होंने क्रिकेट के लिए पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया. साहा की शादी के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. वह अपनी पत्नी देबाराती से ऑर्कुट के जरिए मिले और चार साल के रिलेशनशिप के बाद 2011 में शादी कर ली. उनकी शादी में केवल 200 लोगों को आमंत्रण मिला था.
सबसे अच्छा दोस्त और भाग्यशाली
साहा का सबसे अच्छा दोस्त उनका बड़ा भाई अनिर्बान है, जो पेशे से एक इंजीनियर है. साहा अपनी बेटी अन्वी को अपना लकी चार्म मानते हैं. साहा ने ग्रुप बी रणजी ट्रॉफी, 2007 में हैदराबाद के खिलाफ मैच में बंगाल के लिए डेब्यू किया. दीप दासगुप्ता की अनुपस्थिति ने साहा के लिए मार्ग प्रशस्त किया और साहा ने सहर्ष इस अवसर को स्वीकार किया.
लक्ष्मी रतन शुक्ला के नेतृत्व में, बंगाल ने वीवीएस लक्ष्मण की अगुवाई वाली हैदराबाद की ओर से कुल 461 रनों का विशाल स्कोर बनाया. साहा ने अपने पहले मैच में नाबाद 111 रन बनाए और मनोज तिवारी के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी भी की.साहा के करियर की इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती थी. हालांकि साहा बाकी खेलों में केवल एक अर्धशतक ही बना पाए, लेकिन उनका प्रदर्शन काफी अच्छा था.
आईपीएल के फाइनल में शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी
कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ 2014 के आईपीएल फाइनल मैच में, साहा ने केवल 55 गेंदों पर 10 चौके और 8 छक्कों सहित 115 रन बनाए. इसके साथ ही वह आईपीएल के फाइनल में शतक लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी बन गए. वहीं उनके टेस्ट करियर की बात करें तो साहा ने दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे, 2010 में पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई.
प्लेइंग इलेवन में उनका स्थान निश्चित रूप से अनिश्चित था, लेकिन रोहित शर्मा की आखिरी मिनट की चोट ने साहा को अवसर दिया. साहा पहली पारी में खाता नहीं खोल सके लेकिन दूसरी पारी में कुल 36 रन जोड़ने में सफल रहे. इस मैच में पूरी तरह दक्षिण अफ्रीका का दबदबा था और भारत मैच हार गया. 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया के एक दौरे में साहा ने छठे विकेट के लिए कोहली के साथ 114 रन की शानदार साझेदारी की थी. पहली पारी में पोंटिंग और क्लार्क की विशाल 386 रनों की साझेदारी वाले खेल में भारत को हार का सामना करना पड़ा. यह पहला मौका था जब साहा कीपर बल्लेबाज के रूप में सामने आए.
साल 2014 में धोनी के टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद, साहा लगातार भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ कीपर-बल्लेबाज रहे हैं. लेकिन भाग्य ने साहा को हैमस्ट्रिंग के रूप में एक और झटका दिया. 2016 में, साहा को वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम के लिए चुना गया था. पहले टेस्ट में ही, साहा ने रिकॉर्ड बनाया क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक पारी में छह Dismissals वाले तीसरे विकेटकीपर बन गए.
उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया जब उन्होंने तीसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम के खिलाफ 104 रन बनाए. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 में, साहा ने फिर से रिकॉर्ड बनाया जब वह एक टेस्ट में 10 कैच लेने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने. इसी सफर में अब साहा को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं मिली है.