वर्ल्ड कप खेलने जा रही पूजा वस्त्राकर की कहानी : 10 साल की उर्म में मां को खोया, बार-बार इंजरी बनी बाधा…

भारतीय महिला क्रिकेट टीम 44 साल में अपना 10वां वनडे वर्ल्ड कप खेलने जा रही है। भारत की इस टीम में कई युवा खिलाड़ी हैं। उनमें से एक नाम है पूजा वस्त्राकर का। पूजा अनुभवी झूलन गोस्वामी के साथ भारत के पेस अटैक का अहम हिस्सा हैं। वह पहली बार वर्ल्ड कप में खेलेंगी, लेकिन पूजा का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था।



पूजा वस्त्राकर का जन्म 25 सितंबर 1999 को मध्यप्रदेश के शहडोल में हुआ था। जब वह महज 10 साल की थीं तो उनके सिर से मां का साया उठ गया था। उनके पिता बीएसएनएल में काम करते थे। उनके दो भाई व चार बहनें और हैं। मां के निधन के बाद पूजा की जिंदगी आसान नहीं थी, लेकिन उनके पिता ने मां और बाप दोनों का फर्ज निभाया।

लड़कों के साथ खेलने पर मिलते थे ताने

पूजा ने करीब 13 साल की उम्र में अपनी कॉलोनी के पास लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया, जिसके लिए उन्हें काफी ताने भी सुनने पड़ते थे। उनसे यह भी कहा जाता था ‘लड़की हो पढ़ाई करो, पढ़ाई पर ध्यान दो, इससे हमारे घर के बच्चों पर असर पड़ेगा।’ लेकिन पूजा ने बचपन से ही ठान लिया था कि उन्हें क्रिकेटर बनना है। आज वही लोग पूजा की वाह-वाही भी करते हैं। कुछ समय बाद उन्होंने स्टेडियम जाकर ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया। वहां पूजा ने नेट बल्लेबाजी का अभ्यास किया, जहां कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने उनके टैलेंट को पहचाना और औपचारिक प्रशिक्षण शुरू किया। इसके बाद पूजा ने बल्लेबाजी भी शुरू कर दी। 2015 में पूजा वस्त्रकार को मध्यप्रदेश की टीम में शामिल किया गया। यहां पर उन्होंने गेंदबाजी में कदम रखा। पहले ही साल वह इंडिया ग्रीन टीम का हिस्सा बन गई थीं।

बार-बार इंजरी बनी बाधा

पूजा के करियर में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 2016 में पूजा का फील्डिंग के दौरान घुटने मुड़ने से चोटिल हो गईं और वह 2017 में वनडे वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाईं। इसके बाद पूजा को बार-बार इंजरी के चलते जूझना पड़ा। 2018 में उन्हें पहली बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया में वनडे सीरीज के लिए चुना गया और बाद में वह टी 20 के लिए भी चुनी गईं।

सब कुछ ठीक फिर से होने लगा था लेकिन दुर्भाग्य ने पूजा का पीछा नहीं छोड़ा। टी-20 वर्ल्ड कप प्रैक्टिस मैच के दौरान उनके घुटने में फिर चोट लगी और वह वर्ल्ड कप से बाहर हो गईं। इसके बाद भी पूजा ने हार नहीं मानी और मेहनत करती रहीं। उनके दोनों घुटनों का ऑपरेशन हुआ और उन्हें बेंगलुरू में नेशनल क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन दिया गया। इसके बाद सितंबर 2019 में पूजा ने टीम इंडिया में वापसी की। आज वह वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा हैं।

पूजा वस्त्राकर दाएं हाथ की मीडियम पेसर और दाएं हाथ की बल्लेबाज भी हैं। उन्होंने अभी तक भारत के लिए दो टेस्ट (5 विकेट), 13 वनडे (6 विकेट) और 24 टी20 मुकाबले (19 विकेट) खेले हैं। बल्ले से भी वह कमाल कर सकती हैं। वनडे क्रिकेट में उनके नाम एक अर्धशतक भी दर्ज है।

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