1896 में सिलहट ज़िले (अब बांग्लादेश) में जन्मे स्वामी शिवानंद रोज़ाना योगाभ्यास करते हैं और बिना तेल/मसालों का भोजन करते हैं। खाने व कपड़ों का प्रबंध कर स्वामी पिछले 50-वर्षों से पुरी में कुष्ठ रोग से प्रभावित 400-600 भिखारियों की सेवा कर रहे हैं। पद्म श्री से सम्मानित स्वामी को ‘योग रत्न’ समेत कई पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है।