ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में जानने की कोशिश कर रहे वैज्ञानिकों ने 12.9 अरब साल पुराने तारे की खोज की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक का सबसे पुराना तारा है। इस तारे की खोज अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से की गई है। वैज्ञानिकों ने इस तारे का नाम एरेन्डेल रखा है जिसका मतलब होता है सुबह का तारा या बढ़ती रोशनी।
सबसे खास बात यह है कि यह पुराना तारा होने के साथ ही सबसे दूर भी है। खगोलविदों ने अंतरिक्ष में 28 बिलियन प्रकाशवर्ष दूर जिस तारे की खोज की है उसकी रोशनी को धरती तक पहुंचने में 12.9 बिलियन साल लगे हैं। हबल अंतरिक्ष वेधशाला ने एरेन्डेल तारे को जूम लेंस की मदद से खोजा है जिसे गुरुत्वाकर्षण लैंसिग कहते हैं।
इस प्रक्रिया के तहत आकाशगंगाओं के समूह को एक सीधी लाइन में देखते हैं तो गुरुत्वाकर्षण की वजह से दूरी की वस्तु का प्रकाश बढता है जिससे सबसे दूर के तारे अनुमान लगता है। इससे पहले भी हबल ने ही सबसे दूर के तारे की खोज की थी जिसका नाम इकारस है। तो आइए जानते हैं खोजे गए अब तक के सबसे पुराने तारे के बारे में…
एरेन्डेल तारे की खोज करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक सबसे बड़ा तारा हो सकता है। इसलिए इसके बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी है। इस तारे का आकार क्या है अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि एरेन्डेल सूर्य से करीब 50 गुना बड़ा हो सकता है।
तारे की खोज करने वाली नेचर जर्नल में 30 मार्च को प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एरेन्डेल ने हमारे ब्रह्मांड के पहले अरब सालों में जगमगाना शुरू किया। अनुमान लगाया गया है कि इसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 50 गुना है। इसकी चमक भी सूर्य से लाखों गुना तेज है। जर्नल नेचर में प्रकाशित स्टडी लेखक ब्रायन वेल्च का कहना है कि पहले उन्हें इस तारे की खोज पर यकीन नहीं हुआ है, क्योंकि यह तारा रेडशिफ्ट स्टार से ज्यादा दूरी पर था।
रेडशिफ्ट और ब्लूशिफ्ट से हमें यह पता चलता है कि किस प्रकार कम प्रकाश या वेवलैंथ की तरफ शिफ्ट होता है, अंतरिक्ष में जब कोई वस्तु हमारे करीब आ रही है या दूर जा रही है। जब कोई वस्तु हमारी तरफ आती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी ब्लूशिफ्ट कहा जाता है जबकि हमसे दूर हो रही वस्तु से निकलने वाली रोशनी रेडशिफ्ट कहते हैंवैज्ञानिकों का यह भी अनुमान है कि हबल ने जिन तारों की खोज की है, वो दो तारे हों और एक दूसरे की परिक्रमा कर रहे हों। यह एक आम बात है।
शोध करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि वह कई तारों का समूह भी हो सकता है, लेकिन उनको विश्वास है कि एरेंन्डल एक या दो तारे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि एरेन्डेल को लेकर आने वाले सालों में कई जानकारियां मिलेंगी। नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इस तारे को ऑब्जर्व करेगा।
इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि एरेन्डेल पूरी तरह से प्राइमर्डियल हाइड्रोजन और हीलियम से तो नहीं बना है। अगर ऐसा होता है, तो पॉपुलेशन III स्टार्स का पहला सबूत होगा जिनके बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि बिग बैंग के बाद बनने वाले वो पहले तारे हैं। हालांकि पॉप्युलेशन III सितारा की श्रेणी में एरेन्डेल के आने की संभावना कम है