टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा 35 साल के हो चुके हैं। वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रोहित का करियर लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। पहले वनडे और टी20 में कमाल करने वाले रोहित अब टेस्ट में भी जमकर रन बना रहे हैं। वो तीनों फॉर्मेट के कप्तान भी बन चुके हैं और उनके ऊपर भारत को अगले दो विश्व कप में जीत दिलाने की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही रोहित को भविष्य का कप्तान भी तैयार करना है। रोहित ने 2013 में भारत की वनडे टीम में पारी की शुरुआत की थी। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि, रोहित का सफर उनके रन बनाने जैसा आसान नहीं रहा है। 20 साल की उम्र में भारत के लिए खेलने वाले रोहित कई उतार चढ़ाव से गुजरे हैं।
रोहित के करियर की शुरुआत मुंबई के बोरिवली से हुई। यहां वो बोरिवली स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन की तरफ से खेलते थे और ऑफ स्पिनर बनना चाहते थे। उस समय उनकी फीस 800 रुपये महीना थी। रोहित के परिवार वालों को शुरुआत से ही उनके क्रिकेटर बनने से कोई एतराज नहीं था। स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के कोच दिनेश लाड अपने स्कूल की टीम बना रहे थे, तब उन्हें रोहित की स्पिन गेंदबाजी पसंद आई। उन्होंने रोहित को विवेकानंद स्कूल में एडमिशन दिलाया और उनकी फीस भी माफ कराई, क्योंकि रोहित के माता-पिता क्रिकेट कोचिंग में हर महीने 800 रुपये देने के बाद स्कूल में 275 रुपये नहीं दे सकते थे।
12 साल की उम्र में बने बल्लेबाज
विवेकानंद स्कूल में कोच दिनेश ने एक दिन रोहित को बल्लेबाजी करते देखा और अगले मैच में उनसे ओपनिंग कराई। रोहित ने 140 रन की पारी खेली और यहीं से वो एक बल्लेबाज के रूप में खेलने लगे। हालांकि, आगे चलकर उन्हें पारी की शुरुआत करने का मौका नहीं मिला और वो मध्यक्रम में बतौर बल्लेबाज खेले। इस दौरान वो ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते रहे। कोच दिनेश लाड रोहित को क्रिकेट किट और बैट भी तोहफे में देते रहते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि रोहित के लिए ये सारी चीजें खरीदना आसान नहीं होगा।
रोहित ने बतौर बल्लेबाज हर बार चयनकर्ताओं को प्रभावित किया और अंजडर-14, अंडर-15, अंडर-19 हर टीम में जगह बनाते चले गए। उन्होंने भारत की अंडर-19 टीम में भी जगह बनाई। साल 2007 में रोहित भारत के लिए टी20 विश्व कप खेलने दक्षिण अफ्रीका गए और मेजबान टीम के खिलाफ अर्धशतक लगाया। अंत में टीम इंडिया ने यह टूर्नामेंट जीता और सभी खिलाड़ी हीरो बन गए। रोहित को साल 2008 में आईपीएल में तीन करोड़ की कीमत मिली और उनकी दुनिया बदल गई।
सफलता का नशा चढ़ा तो प्रदर्शन गिरा
रोहित के पास पैसा आया तो उन्होंने अपने लिए गाड़ी खरीदी, जबकि उनके माता-पिता बोरिवली में किराये के घर में रहते थे। उनके इस फैसले पर सभी नाराज हुए। बाद में रोहित ने बांद्रा में घर भी खरीदा।
अब वो क्रिकेट प्रैक्टिस से दूर जा रहे थे और दोस्तों के साथ मस्ती में ज्यादा समय बिता रहे थे। इसी वजह से 2009 और 2010 में रोहित कुछ खास नहीं कर पाए। 2011 में उन्हें विश्व कप टीम में नहीं चुना गया तो आखें खुली। उन्होंने ट्वीट किया कि अब आंकलन का मौका आ गया है।
रोहित अपने कोच के पास पहुंचे और काफी देर तक बात की। इसके बाद उन्होंने फिर से मन लगाकर प्रैक्टिस शुरू की और 2011 विश्व कप के बाद टीम इंडिया में जगह बनाई। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें पारी की शुरुआत करने का मौका मिला और उन्होंने बेहतरीन अर्धशतक लगाया। इसके बाद रोहित ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा
इसके बाद रोहित ने टेस्ट में भी अपना कमाल दिखाया। सचिन के संन्यास के बाद उन्हें मध्यक्रम में जगह दी गई थी और अपने पहले ही मैच में शतक लगाकर उन्होंने सबको प्रभावित किया था, लेकिन इसके बाद कुछ खास नहीं कर पाए थे।
वनडे में ओपनिंग करते हुए रोहित का रिकॉर्ड कमाल का था और 2021 में उन्होंने टेस्ट में भी पारी की शुरुआत की। इसके बाद सफेद कपड़ो में भी रोहित का कमाल दिखा। इंग्लैंड की मुश्किल पिचों में उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत बल्लेबाजी की और भारतीय टीम के लिए मैच जिताऊ पारियां भी खेली। इसी वजह से उन्हें टीनों फॉर्मेट में भारत का कप्तान बनाया गया है।
रोहित पर दो विश्व कप जिताने की जिम्मेदारी
रोहित शर्मा पर भारत को दो विश्व कप जिताने की जिम्मेदारी है। भारत आखिरी बार 2011 में विश्व चैंपियन बना था। इसके बाद 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इसी टूर्नामेंट में रोहित बतौर ओपनर चमके थे। इसके बाद से भारत कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है।
वहीं, आईपीएल में मुंबई को पांच बार चैंपियन बनाने वाले रोहित पर सभी को यकीन है और 2022 टी20 विश्व कप के साथ 2023 वनडे विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने की जिम्मेदारी रोहित के कंधों पर है।