रायपुर: राज्यसभा की दो सीट जून के पहले हफ्ते में खाली हो रही है। संख्या बल के हिसाब से दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत तय है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है कांग्रेस से राज्यसभा जाने कई दावेदार सामने आ रहे हैं। सीट तो दो ही है, मगर दावेदार बोरे बासी वाले भी हैं और परदेशिया भी। इसी बीच अलग-अलग समाज से भी दबाव बनाया जा रहा है। तो ऐसे में संख्या बल से कोसो दूर बीजेपी भी अपने बयानों के जरिए ही सही पर इस चुनाव में इंट्रेस्ट तो ले ही रही है।
जून में खाली हो रही छत्तीसगढ़ राज्यसभा की दो सीटों के लिए दावेदारी शुरू हो चुकी है। वैसे तो प्रदेश के कोटे से उच्च सदन जाने वाले कई दावेदार हैं। स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार को लेकर खींचतान के बीच अब अलग-अलग समाज के दावेदार टिकट के लिए दबाव बना रहे हैं। इस लिस्ट में सतनामी समाज से पूर्व सांसद पीआर खूंटे का नाम है, जिन्होंने अपनी दावेदारी पेश करते हुए बकायदा सोनिया गांधी, सीएम भूपेश और पीसीसी अध्यक्ष को आवेदन लिखा है। इसके अलावा खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, साहू समाज से लेखराम साहू, ब्राह्मण समाज से खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के चेयरमैन राजेन्द्र तिवारी नाम की चर्चा भी है। वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजय साहू ने भी राज्यसभा जाने की इच्छा जता रहे हैं।
कांग्रेस के सभी दावेदार राज्यसभा जाने की इच्छा तो जता रहे हैं। साथ ही ये भी कह रहे हैं कि राज्यसभा किसे भेजना है, किसे नहीं इसका फैसला पार्टी हाईकमान ही करेगा। छत्तीसगढ़ कोटे से प्रियंका गांधी के नाम की भी चर्चा जोरों पर है।
राज्यसभा सीटों को लेकर कांग्रेस में चल रही रस्साकस्सी पर बीजेपी भी तंज कसने में पीछे नहीं है, उसका कहना है कि कांग्रेस का मतलब सोनिया, राहुल और प्रियंका है। राज्यसभा में भी गांधी परिवार के पसंद के किसी व्यक्ति को मौका दिया जाएगा, जिसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाबी पलटवार किया है।
बहरहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस तरह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, उससे स्थानीय दावेदारों को उम्मीद है कि इस बार प्रदेश कोटे से किसी स्थानीय को ही मौका मिलेगा। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि इस बार दोनों सीटों पर किसी स्थानीय को मौका मिलता है या फिर हाईकमान के निर्देश पर कोई बाहरी व्यक्ति राज्यसभा जाएगा?