भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम में 1 जुलाई से 5 जुलाई तक पिछले साल अधूरी छूटी हुई 5 मैचों की सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच खेला जाएगा. भारत इस सीरीज में 2-1 से आगे है और उसे सीरीज पर कब्जा करने के लिए सिर्फ ये मैच ड्रॉ कराने की जरूरत है. भारत और इंग्लैंड की टीमें जब भी क्रिकेट के मैदान पर भिड़ती हैं, तो बात सिर्फ गेंद और बल्ले की नहीं होती. मामूली तू-तू मैं-मैं से लेकर मैदान के बाहर के विवाद अक्सर ही सुर्खियों का हिस्सा बन जाते हैं.
इन विवादों ने दोनों देशों के बीच की प्रतिस्पर्धा का रोमांच ही बढ़ाया है.
आइए एक नजर डालते हैं भारत और इंग्लैंड के बीच हुए 5 बड़े विवादों पर:-
1. कोहली ने स्टोक्स से लिया था पंगा
साल 2016 में भारत दौरे पर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के साथ बेन स्टोक्स का विवाद काफी चर्चित रहा था और बीच मैदान पर ये दोनों खिलाड़ी भिड़ गए थे. विराट और स्टोक्स के बीच यह मामला 2016 मोहाली टेस्ट मैच का है.
मोहाली टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. 87 रन पर इंग्लैंड के 4 विकेट गिर चुके थे, लेकिन जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स क्रीज पर जमे हुए थे. काफी देर बाद रवींद्र जडेजा ने बेन स्टोक्स को विकेटकीपर पार्थिव पटेल के हाथों स्टंप आउट करा दिया. बेन स्टोक्स के आउट होने के बाद टीम इंडिया और विराट कोहली ने जश्न मनाया. बेन स्टोक्स को कोहली का अंदाज पसंद नहीं आया. स्टोक्स ने आउट होने के बाद पीछे मुड़कर कुछ कहा जिससे विराट कोहली भड़क गए.
बेन स्टोक्स मैदान पर रुक गए और लगातार विराट कोहली की ओर घूरने लगे. विराट ने स्टोक्स का एटिट्यूड देखकर उनसे कुछ कहा. मैदान पर गर्मागर्मी और बढ़ती उससे पहले ही अंपायरों ने दोनों को अलग कर दिया. इसके बाद कोहली अंपायरों से बेन स्टोक्स की शिकायत करते हुए दिखे.
2. एंडरसन ने जडेजा और धोनी से की थी बदतमीजी
साल 2014 में जब टीम इंडिया पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड (England) के दौरे पर गई थी तो जेम्स एंडरसन (James Anderson) पहले टेस्ट में रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और महेंद्र सिंह धोनी से भिड़ गए थे. साल 2014 में खेले गए नॉटिंघम टेस्ट के दूसरे दिन लंच के लिए लौटते वक्त एंडरसन ना सिर्फ जडेजा बल्कि कप्तान धोनी (MS Dhoni) से भी उलझ पड़े थे. आईसीसी आचार संहिता के लेवल तीन के तहत टीम इंडिया ने एंडरसन पर जडेजा के साथ बदतमीजी करने और धक्का मारने का आरोप जड़ा. तो, इंग्लैंड टीम ने भी जडेजा पर खेल भावना से खिलवाड़ का आरोप लगाया.
मैच रेफरी डेविड बून ने लेवल 1 के तहत जडेजा पर जुर्माना लगाते हुए उनकी 50 फीसदी मैच फीस काट ली. इससे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी गुस्से में आग बबूला हो गए. टीम इंडिया (Team India) ने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला ले लिया.
हैरानी की बात ये भी थी कि स्टेडियम में सीसीटीवी लगे होने के बावजूद ईसीबी के पास उस घटना की फुटेज नहीं थी जब ये सारा विवाद हुआ था.
भारतीय टीम ने आरोप लगाया था कि ट्रेंटब्रिज में एंडरसन (James Anderson) ने खेल के दूसरे दिन लंच पर जाते समय पहले विवाद शुरू किया और जडेजा (Ravindra Jadeja) को धक्का भी दिया. आईसीसी (ICC) ने गॉर्डन लुइस को ज्यूडिशियल कमिश्नर नियुक्त किया. ज्यूडिशियल कमिश्नर ने सुनवाई के बाद एंडरसन और जडेजा को क्लीन चिट दी और कहा कि जडेजा की फीस भी नहीं काटी जाएगी.
इस विवाद को लेकर धोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पता नहीं मैच रेफरी ने क्या देखकर जडेजा पर जुर्माना लगाया था. हम सही थे, एंडरसन ने लक्ष्मण रेखा लांघी थी. रही बात जज की तो उन्हें सबूत चाहिए होता है. मैं उस मसले पर नहीं बोलूंगा. मैंने वही किया जो किया जाना चाहिए था. अगर मेरी टीम का भी कोई खिलाड़ी लक्ष्मण रेखा लांघे तो मैं उसका साथ नहीं देता. बात सिर्फ गाली की नहीं थी. धक्का दिया गया था.
3. इयान बेल के रन आउट को लेकर बड़ा विवाद
जुलाई 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच नॉटिंघम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में इयान बेल (Ian Bell) के रन आउट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. नॉटिंघम (Nottingham) टेस्ट के तीसरे दिन इयोन मोर्गन के साथ इयान बेल क्रीज पर जमे हुए थे. टी ब्रेक से पहले आखिरी गेंद पर मोर्गन ने एक शॉट खेला और उनके साथ बल्लेबाजी कर रहे इयान बेल इसे चौका समझ बैठे.
इयान बेल गलतफहमी में अपनी क्रीज को छोड़कर मोर्गन से बात करने लगे, लेकिन गेंद बाउंड्री लाइन से पहले ही प्रवीण कुमार ने पकड़कर अभिनव मुकुंद की तरफ थ्रो कर दी. मुकुंद ने गिल्लियां बिखेर दीं, जिसके बाद भारतीय टीम की अपील पर थर्ड अंपायर ने इयान बेल को रनआउट दे दिया और दर्शकों ने इसे खेल भावना के विपरीत फैसला मानते हुए टीम इंडिया के खिलाफ हूटिंग शुरू कर दी.
टी ब्रेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान एंड्यू स्ट्रॉस (Andrew Strauss) और कोच एंडी फ्लॉवर (Andy Flower) भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिले और इयान बेल के रनआउट मामले पर बात की. इसके बाद धोनी (Dhoni) ने खेलभावना को देखते हुए इयान बेल को रनआउट करने की अपील को वापस लिया. टी ब्रेक खत्म होने के बाद इयान बेल को दोबारा बल्लेबाजी करने का मौका मिला. लेकिन, वह 22 रन और जोड़कर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का शिकार बने और 159 रन पर पवेलियन लौट गए.
आईसीसी (ICC) के नियमों के तहत इयान बेल क्रीज के बाहर थे और उन्हें थर्ड अंपायर ने रनआउट दिया था. लेकिन, इयान बेल चौका जाने की गलतफहमी में थे और इसी वजह से वह क्रीज में नहीं लौटे. धोनी के उस फैसले की वजह से 9 साल बाद 2020 में उन्हें दशक का स्पिरिट ऑफ क्रिकेट आफ द डिकेड अवॉर्ड मिला.
4. जहीर खान ने पीटरसन को दिखाया था बल्ला
जुलाई 2007 में नॉटिंघम (Nottingham) में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जहीर खान (Zaheer Khan) और इंग्लिश क्रिकेटर केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) के बीच गर्मागर्मी हो गई. इंग्लैंड (England) को पहली पारी में 198 रनों पर समेटने के बाद भारत मेजबान टीम पर 266 रनों की बढ़त बना चुका था. लक्ष्मण का विकेट गिरने के बाद जहीर खान बल्लेबाजी करने आए.
जहीर खान जब बैटिंग कर रहे थे, तब उन्होंने क्रीज पर कुछ जैली बीन्स (टॉफी) पड़ी देखीं, जिसे उन्होंने तुरंत वहां से हटा दिया. लेकिन, अगली गेंद खेलने के बाद उन्हें पिच पर फिर कई और जैली बीन्स पड़ी दिखाई दीं. इसके बाद जहीर खान को गुस्सा आ गया और उन्होंने स्लिप में फील्डिंग कर रहे केविन पीटरसन से ऐसा नहीं करने को कहा, लेकिन पीटरसन अपनी गलती मानने की बजाए जहीर खान से भिड़ गए. ऐसे में जहीर ने भी गुस्से में पीटरसन को बैट दिखा दिया.
दोनों के बीच गर्मागर्मी को बढ़ता देख अंपायरों ने मामले को शांत करने की कोशिश की. मैच के बाद इंग्लैंड टीम के कप्तान माइकल वॉन ने जैली-बीन्स विवाद के लिए माफी मांग ली थी.
5. सचिन को आउट करने के प्लान पर घिरे थे नासिर
इंग्लैंड की टीम साल 2001 में जब भारत दौरे पर थी, तो बेंगलुरु में खेली गई सीरीज के तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में अंग्रेज कप्तान नासिर हुसैन (Nasser Hussain) भारत को हराने और सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए काफी हथकंडे अपना रहे थे.
नासिर हुसैन को एहसास हुआ कि अगर सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया तो भारत को हराया जा सकता है. नासिर हुसैन ने प्लान के तहत लेफ्ट आर्म स्पिनर एश्ले जाइल्स को गेंद थमाई और सचिन तेंदुलकर को सिर्फ लेग स्टंप के बाहर गेंदबाजी करने के लिए कहा था.
इससे सचिन निराश हो गए, क्योंकि वह अपने रन नहीं बना पा रहे थे और इनसाइड आउट शॉट खेलने का प्रयास करते हुए स्टंप आउट हो गए. इंग्लैंड के लगातार लेग स्टंप के बाहर बॉलिंग करने के प्लान की क्रिकेट जगत में कई लोगों ने आलोचना की थी.