नई दिल्ली. अभी तक आपने क्रिकेटरों को गरीब से अमीर बनते जरूर देखा होगा। लेकिन आज हम आपको पांच ऐसे दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो संन्यास के बाद जीवन में ऐसा बदलाव हुए कि खिलाड़ी पाई-पाई को मोहताज हो गए। आलम यह रहा कि पारिवार पालने के लिए खिलाड़ी को ट्रक तक धोने पड़े।
अक्सर क्रिकेटर की लाइफ हाई प्रोफाइल होती है। यहीं वजह है कि युवा खेल की दुनिया में हाथ आजमाना चाहते है। लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के बाद भी अमीर से गरीब बनने की ये कहानी शायद अपने आज तक नहीं सुनी होगी। इनमें पहला नाम है न्यूजीलैंड के क्रिकेटर मैथ्यू सिनक्लेयर का है।
मैथ्यू सिनक्लेयर ने साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया था। संन्यास के बाद उनके परिवार को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। पाई-पाई को मोहताज हुए मैथ्यू को अपने परिवार को पालने के लिए अब रियल स्टेट कंपनी में काम कर रहे हैं।
इस लिस्ट में दूसरा नाम न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस केर्न्स का है। उन्होंने 2004 में संन्यास ले लिया था। संन्यास लेने के बाद क्रिस ने हीरो का कारोबार शुरू किया, जिसमें उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा। इसके बाद परिवार को पालने के लिए वे ड्राइविंग और ट्रक धोने का काम तक करते थे।
लिस्ट में एक भारतीय क्रिकेटर भी शामिल है। 1934 में क्रिकेट करियर की शुरूआत करने वाले जनार्दन नेवले की लाइफ बेहद गरीबी में कटी। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद परिवार को पालने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार जनार्दन नेवले को एक चीनी मिल में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम किया था। 7 सितंबर 1979 में उनका निधन हो गया।
चौथे नंबर में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज अरशद खान का नाम है। शानदार स्पिन गेंदबाज से कमला करने वाले अरशद खान को परिवार पालने के लिए टैक्सी चलाना पड़ा। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जाकर बस गया। जहां परिवार का पेट पालने के लिए टैक्सी चलाने के बाद उनके अच्छे दिन लौटे। 58 वनडे और 9 टेस्ट मैच खेलकर इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
इंग्लैंड के लिए खेलने वाले एडम हॉलिओके अपने दौर के बेस्ट ऑलराउंडर माने जाते थे। जब एडम ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया तो उन्हें बहुत आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट में काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करना शुरू किया था।