जांजगीर-चाम्पा. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में महिला सम्बन्धी अपराध, बच्चों के विरुद्ध अपराध और लैंगिंग अपराध की विवेचना को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान जांजगीर के विशेष न्यायाधीश रामखिलावन रिगरी ने कहा कि लैंगिक अपराध बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 ( पॉक्सो ) को लागू करने का मुख्य उद्देश्य, ऐसे बालक-बालिका जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है, उनकी निजता के अधिकारों का संरक्षण करना है. यहां उन्होंने विवेचना में होने वाली त्रुटि से भी अवगत कराया.
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव गीतेश कौशिक ने महिलाओं के लैंगिंक प्रकरणों में विशेष जरूरतमंद पीड़ितों को अंतरिम राहत क्षतिपूर्ति हेतु त्वरित कार्रवाई एवं उसकी प्रक्रिया से अवगत कराया.
यहां एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यशाला से निश्चित ही विवेचना में सुधार आएगा और सजा में बढ़ोतरी होगी. कार्यशाला में जिले भर विवेचक पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिन्हें विशेष न्यायाधीश ने अधिनियम की बारीकी और विवेचना में होने वाली कमी की जानकारी दी, इससे पॉक्सो सम्बन्धी मामले की विवेचना बेहतर होगी.