प्रसिद्ध पंजाबी गायक व अदाकार सिद्धू मूसेवाला के अंतिम संस्कार पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग उमड़े। इसके साथ ही कलाकारों और नेताओं ने उन्हें नम आंखों से विदाई थी।
अंतिम यात्रा ट्रैक्टर 5911 पर निकाली गई। इसमें नौजवानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सिद्धू मूसेवाला अमर रहें के नारे भी लगाए। कईं महिलाओं ने इस हत्याकांड पर मान सरकार को कोसा। बता दें कि रविवार शाम गांव जवाहरके में अंधाधुंध गोलियां चलाकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी।
मूसेवाला के परिवार ने पंजाब सरकार से इस हमले और सुरक्षा वापस लेने की न्यायिक जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री भगवंत के आश्वासन के बाद सोमवार शाम सिद्धू मूसेवाला का मानसा के अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
मां ने दूल्हे की तरह सजाया, पिता ने बांधा सेहरा
सिद्धू मूसेवाला को अंतिम संस्कार से पहले मां चरण कौर ने दूल्हे की तरह सजाया। पिता बलकौर सिंह ने गुलाबी रंग की पगड़ी बांधकर बेटे का सेहरा सजाया। मूसेवाला ट्रैक्टर 5911 के शौकीन थे। उनके गीतों के बोल में भी 5911 का जिक्र किया जाता रहा है।
अंतिम यात्रा पर ट्रैक्टर 5911 को फोटो व हारों से सजाया गया। इस दौरान दो जिलों की पुलिस तैनात की गई थी। सिद्धू को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी फोटो हाथों में लेकर लोग पहुंचे थे। कई जगहों पर उनके गाने बजाए जा रहे थे। सिद्धू मूसेवाला का अंतिम संस्कार उनके खेत में किया गया।
संघरेड़ी में हुई थी सिद्धू की मंगनी, एक माह बाद था विवाह
सिद्धू मूसेवाला की मंगनी जिला संगरूर के गांव संघरेड़ी में हुई थी। एक माह बाद विवाह होना था। पहले चुनाव में खड़े होने कारण इस विवाह को आगे कर दिया था। दोनों परिवार विवाह की तैयारियों में जुटे थे। इस हत्याकांड के बाद दोनों परिवारों के अरमान मन में ही रह गए।
पिता ने पगड़ी उतारकर किया लोगों का धन्यवाद
यात्रा दौरान पिता बलकौर सिंह व माता चरण कौर ने अपने बेटे सिद्धू मूसेवाला के लिए उमड़े प्यार व भीड़ के सामने हाथ जोड़े। पिता ने पगड़ी उतारकर लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने सरकार से अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की।
अंतिम यात्रा में पैर रखने की जगह भी नहीं दिख रही थी। लोगों का सैलाब इस कद्र उमड़ा कि मकानों की छतों, दीवारों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, ट्रकों, जीपों, कारों की छतों से सिद्धू मूसेवाला के अंतिम दर्शन किए।
दुनिया भर में थे सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसक
छोटी उम्र में संगीत जगत के शिखर तक अपना नाम बनाने वाले सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसक दुनिया भर में थे। इसका सबूत उनकी अंतिम यात्रा पर देखने को मिला। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, कैनैडा, इंगलैंड व महाराष्ट्र से बड़ी गिनती में प्रशंसक पहुंचे थे।
सिद्धू मूसेवाला के पाले हुए कुत्तों ने भी नहीं खाई रोटी
सिद्धू मूसेवाला कही हत्या के बाद से उनके पाले हुए दो कुत्तों ने कुछ नहीं खाया है। परिजनों ने बताया कि इन जानवरों के साथ सिद्धू मूसेवाला को बहुत मोह था। जबसे इनको वे नजर नहीं आ रहे तब से इन्होंने रोटी को मुंह नहीं गया है। दोनों कुत्ते स्तब्ध होकर रह गए हैं।