नई दिल्ली। 11 हजार साल पुराना यह फल कोई और नहीं बल्कि अंजीर है। अंजीर का इतिहास एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है। जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे। इसकी उत्पत्ति मिडिल ईस्ट सेंटर में हुई और दक्षिण-पश्चिम एशिया में यह फलीभूत हुआ।
माना जाता है कि इन इलाकों में करीब 11 हजार साल पूर्व यह उगने लगा था। इस फल का रुतबा इतना अधिक बढ़ा कि प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्वपूर्ण हो गया कि इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई थी।
अंजीर असल में गूलर जाति का एक विशिष्ट फल है, जो बिना फूलों के ही सीधे पेड़ पर उग आता है। इसे ताजा और सुखाकर भी खाया जा सकता है।
वैसे तो इसके स्वाद का मीठापन इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहां उगाया गया है और कितना पका है। इसे पूरा ही छिलका, बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है।
फाइबर और पोटेशियम के अलावा और भी बहुत कुछ
मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने में अंजीर बहुत ही महत्व निभाता है। इसमें केले की अपेक्षा अधिक फाइबर और केले की तुलना में अधिक पोटेशियम होता है। इसके ताजे पके फल में चीनी की मात्रा मात्र 22 प्रतिशत होती है। आहार विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स का अच्छा स्रोत है अंजीर।
इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे मिनरल्स होते है। कब्ज और पेट संबंधी समस्या के लिए अंजीर का कोई तोड़ नहीं है। इसमें पाए जाने वाला फाइबर व बीज पाचन क्रिया को दुरुस्त कर देते हैं।
हार्ट और ब्लड के लिए लाभकारी
फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन अनुसार अंजीर हार्ट के लिए बहुत गुणकारी फल है। अंजीर में ओमेगा 3 और 6 जैसे फैटी एसिड्स भी पाये जाते है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है।
अंजीर के फल में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए अंजीर का सेवन सौंफ के साथ करना चाहिए।
अंजीर खाने से शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है। इसका मुख्य कारण अंजीर में आयरन का पाया जाता है। अंजीर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाता है। इसका सेवन करने से धमनियां सुरक्षित रहती है।
डायबिटीज के रोगी अंजीर के फल का सेवन कर सकते है। इसमें प्राकृतिक मिठास होती है जो बहुत कम होती है।