विदिशा। पूरे देश में कल से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है 15 दिन चलने वाले इस महापर्व पर लोग अपने पुरखों पितरों को याद करते हुए दान पुण्य करते हैं तो वही पितरों के प्रतीक कौवे को भोजन कराने का विधान भी है। ऐसे में विदिशा का देश में शायद ऐसा ही इकलौता काग उद्यान है जहां पूरे वर्ष भर कौवा को भोजन कराया जाता है।
यहां की काग रसोई और विलुप्त होती कौवों की प्रजाति के लिए उनके संरक्षण का अभियान भी चल रहा है। गौरतलब है कि यहां की रसोई से ना केवल कागों बल्कि गौरैया गिल गिल किरऊ प्रजाति के पक्षियों को भी आहार मिल रहा है वही मानव के प्रेम में वशीभूत जंगल से आने वाले लंगूर भी यहां भोजन ग्रहण कर रहे हैं।
यहां बनता है कैवे के लिए खाना
विलुप्त होती कौवों की प्रजाति के संरक्षण के अनूठे अभियान का मुक्तिधाम का काग उद्यान यहां प्रतिदिन कैवे के भोजन आहार की व्यवस्था की जाती है। कल से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है जहां लोग अपने-अपने पितरों की याद में धर्म-कर्म दान पुण्य का विशेष रूप से कार्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन 15 दिनों के पितृपक्ष काल में किए गए दान पुण्य और उनके सेवा कार्य सीधे उनके पितरों तक पहुंचते हैं और उन्हीं के आशीर्वाद से परिवार में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
11 साल से चला रहे काग रसोई
मुक्ति धाम सेवा समिति द्वारा बेतवा तट स्थित काग उद्यान का निर्माण किया गया है। जहां प्रतिदिन कौवों अथार्त कागों को प्रतिदिन भोजन कराया जाता है। गौरतलब है कि देश का पहला ऐसा उद्यान है जहां विलुप्त होती कौवों की प्रजाति को बचाने और उनके संरक्षण का कार्य किया जाता है बल्कि प्रतिदिन उनके लिए भोजन भी तैयार किया जाता है।
यहां प्रतिदिन चावल और समय-समय पर रोटी आदि पकाई जाती है। संस्था सचिव के मुताबिक यहां पिछले 11 वर्षों से इस विलुप्त होती प्रजाति को बचाने का ख्याल मन में आया था और तब से लेकर आज तक प्रतिदिन यहां कौंवै के नाम पर ही काग रसोई चल रही है।
आते है समोसे, कचौड़ी और भी बहुत कुछ
वहीं शहर की होटलों से समोसे, कचौड़ी, भाजी बड़ा, आलू बड़ा और जलेबियां भी प्रतिदिन उठाई जाती हैं और यहां कागों और पक्षियों को खिलाई जाती हैं। इस काग उद्यान का लोकार्पण अंतर्राष्ट्रीय रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित देश के जाने-माने जल विद डॉक्टर राजेंद्र सिंह के द्वारा किया गया था।
वही भोपाल कमिश्नर ने पिछले साल अपने ट्विटर अकाउंट पर 19 सितंबर 2021 को खुद लिखा है कि विदिशा मुक्तिधाम सेवा समिति की पहल काग उद्यान जहां कौवों के संरक्षण के लिए अनूठा प्रयास है जहां उनकी खासतौर से देखभाल हो रही है। भोपाल कमिश्नर आगे लिखते हैं किताबों के संरक्षण के लिए मुक्ति धाम सेवा समिति की तरफ से एक अनूठी पहल की गई है।