महिलाओं के लिए किसी खतरे से खाली नहीं Perfume का उपयोग, इस गंभीर बीमारी की हो सकती हैं शिकार, जा सकती है जान…पढ़िए

नई दिल्ली। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल प्रॉबलम है, जो आमतौर पर खराब लाइफ स्टाइल, खानपान की वजह से हो जाती है। इस स्थिति में 10 में से कम से कम तीन महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।



लेकिन क्या आपको मालूम है कि PCOS से पीड़ित महिलाएं अपनी लाइफस्टाइल में से कुछ चीजें जैसे दूध और दूध से बनें प्रोडक्ट, कॉस्मेटिक्स,और इसके साथ ही परफ्यूम का यूज को कम कर देना ही उनके लिए फायदे का सौदा हो सकता है, क्योंकि ये सारे प्रोडक्ट PCOS को बढ़ाते हैं। PCOS के लिए परफ्यूम भी बड़ा कलप्रिट होता है क्योंकि इसमें ट्राइक्लोसन (TCS) मिला होता है जो एक एक क्लोरीनयुक्त अरोमैटिक कम्पांउट होता है।

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नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अनुसार, TCS का एक्सपोजर PCOS से जुड़ा है। इसकी वजह से ओस्ट्रोजेनिक, एंड्रोजेनिक और एंटीएंड्रोजेनिक गतिविधियां, और थायराइड हार्मोन गतिविधियों में गड़बड़ी हो सकती है, जो सभी पीसीओएस-जैसे सिंड्रोम से जुड़ी हैं।

परफ्यूम लगाने से होने वाली समस्याएं विशेषज्ञों के मुताबिक, कई देशों में तो ट्राइक्लोसन, फ्थेलेट्स के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। हालांकि, भारत में ट्राईक्लोसन युक्त उत्पादों के यूज पर इस तरह के किसी भी नियम का अभाव है। इससे ब्रेन के विकास में भी बाधा उत्पन्न होने के साथ ही नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। वहीं मस्क कीटोन टिश्यू और ब्रेस्ट मिल्क में मिलने की वजह से नवजात को भी कई बीमारियां घेर सकती हैं।

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परफ्यूम से पीसीओएस का खतरा विशेषज्ञों के मुताबिक, कई देशों में तो ट्राइक्लोसन, फ्थेलेट्स के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। हालांकि, भारत में ट्राईक्लोसन युक्त उत्पादों के यूज पर इस तरह के किसी भी नियम का अभाव है। इससे ब्रेन के विकास में भी बाधा उत्पन्न होने के साथ ही नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। वहीं मस्क कीटोन टिश्यू और ब्रेस्ट मिल्क में मिलने की वजह से नवजात को भी कई बीमारियां घेर सकती हैं।

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